(लोक असर समाचार बालोद)
ग्राम पुतरवाही में अखिल भारतीय हल्बा–हल्बी आदिवासी समाज द्वारा 26 दिसंबर को शक्ति दिवस श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां दंतेश्वरी की विधिवत पूजा-अर्चना के साथ किया गया, जिसके पश्चात विभिन्न सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस अवसर पर समाज के शिक्षक दंपति लीलाधर ठाकुर एवं श्रीमती पदमिनी ठाकुर की ओर से प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। शिक्षक दंपति द्वारा वर्षों से निरंतर रूप से बच्चों के सम्मान की यह पहल शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा विद्यार्थियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देने वाली बताई गई।
कार्यक्रम में शिक्षक लीलाधर ठाकुर ने अपने पिता शत्रुघ्न सिंह ठाकुर (सेवानिवृत्त प्रधान पाठक) के कर-कमलों से प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान करवाया।
इस अवसर पर प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी कक्षा 5वीं से 12वीं तक प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले तथा 80 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

सम्मान स्वरूप 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 3000 रुपये एवं 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
साथ ही कार्यक्रम में गणमान्य नागरिकों, समाज के बुजुर्गों तथा माताओं-बहनों को श्रीफल एवं गमछा भेंट कर सम्मानित किया गया।
उपस्थितजनों ने शिक्षक दंपति की इस निरंतर पहल की सराहना करते हुए कहा कि यदि प्रत्येक समाज में ऐसे शिक्षक दंपति हों, तो बच्चों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित हो सकता है और शिक्षा के माध्यम से समाज निरंतर प्रगति कर सकता है। साथ ही अपने बालोद जिला छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहा है |
इस अवसर पर शिक्षक दंपति लीलाधर ठाकुर एवं पदमिनी ठाकुर ने कहा—
“जब तक समाज का हर बच्चा शिक्षित नहीं होगा, तब तक समाज और प्रदेश का समुचित विकास संभव नहीं है। शिक्षित बच्चे ही अपने समाज, प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे।”
साथ ही आगामी वर्ष से सम्मान समारोह विकासखंड स्तर पर आयोजित करने की घोषणा की गई, जिसमें कक्षा 5वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। इसका उद्देश्य विकासखंड के अधिक से अधिक बच्चों को प्रोत्साहित करना है, ताकि वे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकें।
कार्यक्रम में समाज के वरिष्ठजन, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे, जिनमें ग्राम प्रमुख गैत्रु भुआर्य, अजब सिंह ताराम, बंशी लाल ताराम, परमानंद ठाकुर, बच्चन सिंह ताराम, मिलाप सिंह पिस्दा, बीरबल सिंह ताराम, अजय घोड़ापटिया, लोकेश घोड़ापटिया एवं वीरेंद्र घोड़ापटिया, मनीषा ताराम,जालीना घोड़ापटिया, पूनम ताराम प्रमुख रूप से शामिल रहे।
