LOK ASAR JAGDALPUR
स्वतन्त्रता प्राप्ति के आंदोलन में बस्तर के जननायकों ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें से बड़े आरापुर परगना के मांझी झाड़ा सिरहा ने सन 1876 में अंग्रेजों के खिलाफ किए गए मुरिया विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस विद्रोह का नेतृत्व झाड़ा सिरहा ने किया था। अपने विद्रोह आंदोलन का संचालन करते हुए झाड़ा सिरहा अंततः इंद्रावती नदी के तट पर अंग्रेजों के हाथों शहीद हो गए थे।
04 मई 2023 को झाड़ा सिरहा के शहादत की स्मृति में बस्तर एकेडमी आफ डांस आर्ट एंड लिटरेचर, बादल के शहीद झाड़ा सिरहा भवन में झाड़ा सिरहा स्मृति दिवस में मनाया गया।

इस अवसर पर बादल संस्थान से जुड़े हुए जनजातीय समाज के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का आरंभ वीर शहीद झाड़ा सिरहा के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। उसके बाद झाड़ा सिरहा की जीवनी पर उपस्थित प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में बादल प्रभारी पूर्णिमा सरोज ने कहा कि बादल संस्था में बस्तर के वीर जननायकों के ऊपर नाटकों का निर्माण किया जा रहा है। भविष्य में नाटकों का मंचन शहर वासियों को देखने को मिलेगा।
कार्यक्रम में लोक संगीत संकाय की ओर से वीर शहीदों पर गीत प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में जनजातीय समाज से गंगाराम कश्यप ,सामू राम मौर्य, गोपाल भारद्वाज , दशरथ नेताम, रामनाथ कश्यप और बादल के सभी कलाकारों व कर्मचारियों की उपस्थिति रही।

