LOK ASAR BALOD
संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने तंज कसते हुए कहा कि चुनाव आते ही फड़फड़ा रहे भाजपाई, 15 सालों में कभी जनता के बीच गए नहीं, सरकार रहते कभी नहीं सोचा छत्तीसगढ़ के लोगों को आर्थिक रूप से कैसे मजबूत करें। भाजपा के चलबो गौठान अभियान, लोगों को गुमराह करने चलाया जा रहा है। लेकिन इसमें कामयाब नही होंगे। सभी गौठानो की स्थिति अच्छी, माताओं को आजीविका के साथ ही जैविक खेती को प्रोत्साहित करने का किया जा रहा काम, राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने हर संभव प्रयास कर रही है।
भाजपा के द्वारा चलाए जा रहे गौठान जाबो अभियान पर संसदीय सचिव एवं गुंडरदेही विधायक ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही भाजपाइयों को गौठान की याद आ रही है। गांव-गांव जाकर लोगों के बीच झूठा प्रचार किया जा रहा है। इन्होंने 15 साल सत्ता में रहते हुए कभी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने कोई काम नहीं किया। इनके नेता लाल बत्ती लगा कर घूमते रहे। आज जब मजदूर-किसान गौपालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने की दिशा में काम किया जा रहा है तो ये भाजपाई भ्रम फैला रहे।
किसानों की सरकार है, किसान हित में लिए जा रहे बड़े से बड़े निर्णय
संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ में धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का सबके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ उचित कीमत दिया जा रहा है। जिससे राज्य का किसान आर्थिक रुप से समृध्द हो रहे हैं। गौठानो के माध्यम से महिलाओं को आजिविका के अवसर प्राप्त हुए हैं। गांव की माताओं-बहनों को काम मिला है। छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। पशुओं की देख-रेख की जा रही है। गोबर खरीदी से पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। यह गौपालक और कृषक का सम्मान है। गांव का जमीन अतिक्रमण होने से बचा है।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
संसदीय सचिव ने बताया कि गुण्डरदेही विकासखण्ड अंतर्गत कुल 110 गौठानों में से 108 गौठान बन चुके है। 02 गौठान पूर्णता की ओर अग्रसर है। कुल स्वीकृत 110 गौठान में से पूरे 110 गौठान पंजीकृत है। 106 गौठान सक्रिय श्रेणी में है। विकास खण्ड के अंतर्गत कुल 4482 पंजीकृत गोबर विक्रेता है, जो संतोषजनक है। अगर फरवरी 2023 तक गोबर के क्रय अनुपात में देखा जाए तो खाद रूपातंरण का प्रतिशत 31 रहा है। जो लक्ष्य 33 प्रतिशत के करीब है। इसी तरह 0 प्रतिशत खाद रूपातंरण वाले गौठान मात्र 11 है, जो बहुत कम है। इसी तरह 30 प्रतिशत खाद रूपातंरण करने वाले गौठान 32 हैं। 31 से 40 प्रतिशत खाद रूपातंरण करने वाले 35 गौठान शामिल है। इसी तरह 40 प्रतिशत खाद रूपातंरण करने वाले 6 गौठान हैं।
खाद विक्रय का प्रतिशत 89 है जो काफी संतोषप्रद परिणाम है। वर्मी खाद के अलावा तीन से अधिक गतिविधि संचालित करने वाले 75 गौठान हैं। जो अच्छा परिणाम माना जाता है। कुल स्वीकृत 88 गौठानों में छाया की व्यवस्था है। 95 गौठानो में पानी की व्यवस्था है। 104 गौठान में सूखा चारा, 18 गौठानो में हरा चारा की व्यवस्था है। जो बेहद संतोषप्रद स्थिति में है।

