कथन/बयान पर हस्ताक्षर नही करने, मना करने से हो सकता है तीन माह का कारावास

जाने क्या है ipc 180 के कानूनी प्रावधान

LOK ASAR RAIPUR

आपके आस पड़ोस में जब कोई अपराधिक घटना घटती है तो विवेचना के के लिए पुलिस अधिकारी या मामला किसी अन्य विभाग का है तो संबंधित विभाग के अधिकारी मामले की जांच करने आते है ,ऐसे समय में घटना के संबंध में पूछताछ करने पर कई गवाहों के नाम सामने आते है , उनको कथन के लिए नोटिस करने पर कई व्यक्ति ऐसे होते है जो जान बूझकर कथन देने ,और उसपर हस्ताक्षर करने से इंकार कर देते है ।

जो भी कोई शासकीय अधिकारी जो विधि द्वारा किसी मामले की जांच ,विवेचना करने के लिए प्राधिकृत किया गया हो ,के बयान दर्ज करने के बाद उसमे कोई व्यक्ति हस्ताक्षर करने से इंकार कर देता है तो उसके खिलाफ धारा 180 आईपीसी के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्यवाही हो सकती है , उसे तीन माह का कारावास हो सकता है ,अगर कथन वैध है तभी इस धारा के कानूनी प्रावधान लागू होंगे। अवैध कथन के लिए हस्ताक्षर करने से मना करना कोई अपराध नहीं है।

सावधान रहे, सुरक्षित रहे।

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