समान नागरिक संहिता को आदिवासी समाज से पृथक रखने की मांग को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से गोंडवाना गोंड महासभा नेसौंपा ज्ञापन

LOKASAR KANKER

अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा द्वारा राजनाथ सिंह केंद्रीय रक्षा मंत्री भारत सरकार के कांकेर आगमन पर विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन सौंपा गया जिसमें प्रमुख अनुसूचित जनजाति वर्ग रूढ़ि जन्य संहिता से शासित हैं। आदिवासियों की जन्म, विवाह, मृत्यु संस्कार, तलाक, रखरखाव, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे नियम अन्य धर्मों से बिल्कुल अलग है। इसलिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के दायरे से अनुसूचित जनजाति वर्ग को पृथक रखा जावे। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट एवं न्यायिक सेवा में कॉलेजियम सिस्टम की समाप्ति कर न्यायाधीशों की नियुक्ति यूपीएससी पेटर्न पर हो। जिससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति,अन्य पिछड़ा वर्ग को भी जनसंख्या के अनुपात में न्यायिक सेवा में न्यायाधीश बनने का अवसर मिल सके।अनुसूचित जनजाति वर्ग के पालकों के लिए छात्रवृत्ति हेतु निर्धारित आय सीमा की बाध्यता ढाई लाख की गई है। जिसके कारण बहुत सारे प्रतिभावान विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं।

आदिवासी समाज जन्म से ही आदिवासी होता है, इन्हें क्रीमीलेयर जैसे शब्दों में लाकर आय सीमा की बाध्यता में लाना नाइंसाफी है। इसलिए आदिवासी वर्ग के लिए आय सीमा की बाध्यता को समाप्त किया जावे। अति प्राचीन गोंडी भाषा उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में आदिवासियों के साथ अन्य वर्ग के लोग भी लाखों की तादाद में भाषा के रूप में उपयोग करते हैं। बहुत सारी ऐसी भाषाएं आठवीं अनुसूची में सम्मिलित है जिनके बोलने वाले गोंडी भाषा से भी कम है। इसलिए निवेदन है कि गोंडी भाषा को सविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित हो। जिससे गोंडी भाषा का संरक्षण संवर्धन और विकास हो सके।अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा के मांग के अनुरूप आजादी के पहले से 1941 में जो धर्म कोड अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आवंटित था,उन्हें पुनः बहाल किया जावे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार के घोषणापत्र के अनुरूप नक्सलियों से शांति वार्ता हेतु सरकार शीघ्र पहल करे। आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बहुत ही कमजोर है इसलिए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए देश के प्रत्येक विकासखंड में नवोदय विद्यालय प्रारंभ किया जावे। देश के प्रत्येक आश्रम, छात्रावासों में एनसीसी की ट्रेनिंग दिया जावे।आरक्षण से संबंधित बहुत सारे प्रकरण हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। केंद्र सरकार अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के स्थाई समाधान का रास्ता निकाले।अनुसूचित जनजाति वर्ग को कृषि से संबंधित केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान सीधे मिले। आदिवासी बाहुल्य मणिपुर राज्य में हो रहे हिंसा को तत्काल रोकी जावे। आदिवासियों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र लेकर नौकरी करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ तत्काल एफ आई आर, केविएट एवं बर्खास्तगी की कार्यवाही किया जावे।जिनके जाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति से फर्जी घोषित हो चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 मई 2023 को दिए गए अंतिम राहत के परिपेक्ष्य में छत्तीसगढ़ में आदिवासी वर्ग को शासकीय सेवा में भर्ती, पदोन्नति एवं स्थानीय स्तर के भर्ती में आरक्षण रोस्टर का शत-प्रतिशत पालन हो। वर्तमान में केवल भर्ती में ही आरक्षण रोस्टर का पालन हो रहा है । जबकि पदोन्नति एवं स्थानीय भर्ती में भी आरक्षण रोस्टर का पालन छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के राजपत्र 29 नवंबर 2012 के अनुसार होना चाहिए। जिससे आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ के बेरोजगार आदिवासी युवाओं को न्याय मिल सके। सुदूर आदिवासी क्षेत्र के जिलों में टीईटी, बीएड, डीएड प्रशिक्षण केंद्र नहीं होने के कारण स्थानीय आदिवासी वर्ग का युवा प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर सकता है। इसलिए शिक्षकों की भर्ती में आदिवासी क्षेत्र के लिए टीईटी, बीएड, डीएड की अनिवार्यता समाप्त किया जावे। जिससे स्थानीय स्तर के आदिवासियों के साथ अन्य वर्ग के लोगों को भी शिक्षक बनने का अवसर मिल सके। उक्त सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

इस अवसर पर खाम सिंह मांझी राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकारी अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा, नीलकंठ टेकाम(आईएएस)प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा, सोनऊ राम नेताम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा, फूल सिंह नेताम , प्रदेश कोषाध्यक्ष छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा,आर एन ध्रुव प्रदेश महासचिव छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोंड महासभा, श्रीमती उत्तरा मरकाम प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रभाग, राधेलाल नागवंशी, रामचरण उईके, मनहेर कोर्राम सामाजिक कार्यकर्ता, फरशु सलाम सामाजिक कार्यकर्ता के साथ समाज के लोग उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *