नाम वापसी बाद बालोद जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र की चुनावी तस्वीर स्पष्ट, 31 प्रत्याशी मैदान में

LOKASAR BALOD

आसन्न विधानसभा चुनाव में गिनती के दिन शेष रह गए । 02 नवंबर नाम वापसी बाद बालोद जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर स्पष्ट हो गई है।

नाम वापसी के बाद जिले के तीनों विधानसभा सीट पर कुल 31 प्रत्याशी मैदान में है।

विधानसभावार देखें तो डौंडी लोहारा सीट पर 04 उम्मीदवार हैं , जबकि संजारी बालोद में 14 और गुण्डरदेही सीट से 13 उम्मीदवार है ।
संजारी बालोद विधानसभा सीट की बात करें तो वहां से 14 प्रत्याशी चुनावी समर में भाग्य आजमा रहे हैं , तीन राष्ट्रीय दल , पांच क्षेत्रीय दल सहित 6 निर्दलीय शामिल है,
जिसमें –
1चोवेंद्र कुमार साहू (आप)
2 राकेश कुमार यादव (भाजपा)
3 संगीता सिंहा ( भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
4 गौकरण गंगबेर (आजाद जनता पार्टी)
5 चंद्रभान साहू (जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी)
6 पुनेश्वर कुमार देवांगन(गोंडवाना गणतंत्र पार्टी)
7 मनोज कुमार साहू (लोक जनशक्ति पार्टी )
8 विनोद कुमार नागवंशी (हमार राज पार्टी)
9 कमलकांत साहू (निर्दलीय)
10 धनंजय दिल्लीवर (निर्दलीय),
11भगवती साहू (निर्दलीय),
12 मीना सत्येंद्र साहू (निर्दलीय),
13 रविंद्र कुमार मौर्य (निर्दलीय),
14 शबनम रानी गौर (निर्दलीय) ।

इसी तरह से गुण्डरदेही विधानसभा सीट से चार राष्ट्रीय पार्टी, चार क्षेत्रीय पार्टी सहित पांच निर्दलीय उम्मीदवार मैदान-ए-जंग में है ।
जिसमें –
1अशोक आडिल (बसपा ),
2 कुंवर सिंह निषाद (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
3 जसवंत सिंह (आप ),
4 राजेंद्र कुमार राय(जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे)
5 वीरेंद्र साहू (भाजपा )
6 तोमन लाल साहू (लोक जनशक्ति पार्टी )
7 मुरलीधर साहू (हमार राज पार्टी )
8 यशवंत बेलचंदन (जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी)
9 इंद्र कुमार डहरे (निर्दलीय)
10 कल्पना देवी( निर्दलीय )
11दादूराम साहू ( निर्दलीय)
12 दौलत कोरे (निर्दलीय)
13 रामकुमार साहू (निर्दलीय) शामिल है।

जबकि डौंडी लोहारा सीट से सबसे कम चार प्रत्याशी मैदान में हैं।

1अनिला भेड़िया (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस )
2 देवलाल ठाकुर( भाजपा )
3 गिरवर सिंह ठाकुर (हमर राज पार्टी ) एवं
4 ईश्वर सिंह (निर्दलीय ) प्रत्याशी के तौर पर जनता के सामने है।

यहां पर यह भी बताना लाज़िमी है कि चुनावी कुरुक्षेत्र में रहने वाला छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का मैदान से नदारत होना दोनों राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है । राजनीतिक पंडित कयास लग रहे हैं कि छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का वोट किसके खाते में जा सकता है।

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