संदीपनी सम्मान गुरु शिष्य प्रथम सम्मान.स्थान -कोकोडी़_ 27 जनवरी 2024
लोक असर समाचार दुर्ग
(दुर्ग से सीमा साहू की रिपोर्ट)
छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा मे सबसे वनांचल ग्राम कोकोडी़ जिला परिषद हाई स्कुल कोकोडी़ के प्रागण में किया गया। विद्यार्थियों की परिकल्पना हैं, हम सभी एकाकार होकर गुरुजनों का सम्मान करें। २७जनवरी२०२३ को यह दृश्य साकार देखने का अवसर हम सभी विद्यार्थीयों को मिला, आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर जयश्री सुनिता एवम् गुरु वंदना रोशनी गुप्ता के द्वारा किया गया, गुरुजनों को सम्मान के साथ आसंदी में बिठाया गया।
गुरु और शिष्यो का माधुर्य मिलन ३०साल पश्चात देखने को मिला, आस्था और गुरु के प्रति समर्पण भाव देखते ही बनता था।
गुरुजनों अपनी पुरानी स्मृतियों को व्यक्तव्यो के माध्यम से उकेरते जा रहे रहे थे.हमारे गुरुजनों की शिक्षा यात्रा हमारे जिला परिषद हाई स्कुल कोकोडी़ से यात्रा से प्रारंभ किए थे। १९८०के बाद के सभी विदयार्थीयों द्वारा गुरुजनों का सम्मान टीम के साथ किया गया।
अक्षर ज्ञान देने वाली प्रथम गुरु सुरेखा बहनजी का सारे बच्चों ने सम्मान किया।

मुख्यअतिथि टी.एम.पटले, विशिष्ट अतिथि के.बी.पटले, राठी सर, रामरामे,ओमप्रकाश गुप्ता, महेन्द्र सोनवाने, झंझाडे़ सर, फुल बांधे सर, चौधरी सर, वर्तमान मुख्यअध्यापक सलामे सर, गणेश भैया, मोहतरे भैय्या, घनश्याम भैया।
छत्तीसगढ़ से आए हुए, अन्य प्रांत से आए हुए दामाद बाबूओं का भी स्वागत सत्कार किया गया।
दुसरे सत्र मे गुरुजनों के द्वारा अपने पढ़ाए हुए पल को समरण करते हुए भाव विभोर हो गए। गुरुजनों द्वारा पढाए गए विद्यार्थी हर क्षेत्र मे अव्वल है, शिक्षा, व्यवसाय, कृषि, राजनीतिक, डाक्टर, साहित्यकार, इंजनियर बन चुके हैं।
बिते हुए पल को गुरु शिष्य के द्वारा सुख दुःख का साझा करते रहे। रियाज खान ने अपनी बीती हुई बातें सुनाकर लोटपोट कर दिया।
मुख्यअतिथि मे विराजित तिलक पटले ने कहा गुरु के महत्व को बहुत सुन्दर ढंग से बखान किया। गुरु मास्टर का रूप होते हैं, माँ+स्तर =मास्टर, भक्तिकाल के कवि सुरदास जी का उन्होंने बखान किया, बालक तोतली भाषा और कब चलना सिखेगा?
बडे भाव के साथ व्यक्त किया है, माँ भी गुरु का रूप होती है।
के.बी पटले सर ने कहा की बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए हमने सभी के सहयोग से पिकनिक की छत्तीसगढ़ के गंगरेल बाध जैसे पर्यटन स्थल दिखाया था।
राठी सर अपने जीवन के संघर्ष की पिडा़ को बया किये, राम रामेति सर ने दोस्ती के रिशतो को किस तरह से निभाया उनको प्रेषित किया।
जिला परिषद हाई स्कुल कोकोडी़ के क्रिकेट के जनक ओमप्रकाश गुप्ता सर जी ने अपने जीवन के आधा जीवन कोकोडी़ मे रहने की बात किए।
झंझाडे़ सर की शिक्षा यात्रा शुभारंभ यही से हुई थी। मुख्यअध्यापक सलामे सर ने इस आयोजन में भरपुर सहयोग दिया।
इसी तरह गुरु सम्मान हेतू गुरु जनो को संदीपनी सम्मान से साल पेन नारियल पुष्प से सम्मानित किया गया।
गुरु शिष्य सम्मान में स्थायी निवासीयों काे विद्यार्थियों का सहयोग रहा १०००से अधिक की उपस्थिति रही, राष्ट्र गीत के साथ समापन, आभार सचिन अग्रवाल, मंच संचालन सीमा, लोकेश, भुवन ने किया।
यह जानकारी सीमा साहू ने दी।
