”बस्तर की सुबह” पद्मश्री धरमपाल सैनी व उनके टीम को समर्पित

लोक असर समाचार बालोद / जगदलपुर

हाल ही में बस्तर अंचल के प्रसिद्ध मानव शास्त्री, साहित्यकार, लेखक डॉ रूपेन्द्र कवि ने “बस्तर की सुबह “ नाम से अपना द्विभाषीय (हल्बी-हिन्दी) कविता संग्रह ज्ञानमुद्रापब्लिकेशन भोपाल से प्रकाशित किया है।जोकी बस्तर के लोक जीवन व प्रकृति -वातावरण को समेटा संग्रह है।

बस्तर की सुबह के साथ एक रोचक व महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यह कविता संग्रह पद्मश्री धरमपालसैनी (ताऊजी) व रुक्मणी सेवा संस्थान की टीम को समर्पित है।डॉ कवि ने बताया कि आज ताऊ जी के जन्मदिन पर “बस्तर की सुबह “ को लेकर एक परिचर्चा की योजना थी परंतु चूँकि ताऊ जी का एक कार्यक्रम बीजापुर में पूर्वनियोजित है, इसलिए यह कार्यक्रम स्थगित किया गया।

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