(लोक असर समाचार रायपुर/ बालोद)
विगत दिनों रायपुर में सक्षम के सहयोग एवम मार्गदर्शन में तीन तरह से दिव्यांगों को सहायक उपकरण की जानकारी एवम् उसके उपयोग कैसे किया जाता है को लेकर तीन दिवसीय सम्भाग स्तरीय अवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके लिए सक्षम ने छत्तीसगढ़ विकलांग मंच से साझेदारी कर संयुक्त रूप से विकलांगता वाले व्यक्तियों को डिजिटल सशक्तिकरण प्रदान करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए दृष्टिबाधित कंप्यूटर शिक्षक अरविन्द शर्मा पूरे प्रदेश में सम्भाग स्तरीय, जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित कर छत्तीसगढ़ में विकलांगों को जागरूक करने में लगातार प्रयासरत हैं।

संभाग स्तरीय सहायक उपकरण जानकारी व उपयोग के विषय पर दृष्टिबाधित दिव्यांग, मुकबधिर दिव्यांग और अस्थि बाधित दिव्यांगों के लिए रायपुर में सक्षम आईआईटी दिल्ली की असिस्टेक लैब, आईआईटी मद्रास की आर 2 डी 2 लैब और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग, केरला के सहयोग से छत्तीसगढ़ में दृश्य, श्रवण और शारीरिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के डिजिटल सशक्तिकरण पर एक परियोजना लागू कर रहा है।
कार्यक्रम को UNESCAP द्वारा समर्थित किया जा रहा है और इस परियोजना को पूरा करने में सक्षम ने छत्तीसगढ़ विकलांग मंच के साथ साझेदारी की है।

इस दिशा में, बलौदाबाजार, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद और कांकेर जिलों के श्रवण, दृश्य और शारीरिक विकलांगता वाले 60 व्यक्तियों, जिन्हें जिला चैंपियन के रूप में जाना जाता है, के लिए 27, 28 और 29 जुलाई को रायपुर में तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित जिला चैंपियन अपने गांवों में वापस जाकर और गैर-प्रौद्योगिकी उपयोगकर्ताओं के मध्य उक्त नई तकनीक के बारे में जागरूकता फैलाने इसके साथ ही तीन प्रकार से विकलांगता वाले व्यक्तियों का एक नेटवर्क बनाएंगे, और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और इसके समाधानों के बारे में जागरूक करने का काम करेंगे।

इस प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर छत्तीसगढ़ विकलांग मंच के प्रदेश अध्यक्ष ईशवर छाटा, प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, अनिल मानिकपुरी और कार्यक्रम का संचालन सक्षम दिल्ली से आए हरिनारायण द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य चैंपियन ओम प्रकाश रजक, अलाउद्दीन और अनवर खान का विशेष सहयोग रहा।
