लोक असर समाचार रायपुर/बालोद
भेँट मुलाकात अभियान में चित्रकोट विधानसभा के भैंसागांव ग्राम पंचायत पहुंचे मुख्यमंत्री के पास लोग अपनी अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रख रहे हैं. इस भीड़ में एक बेटी सुबक रही है, आंखों से आंसू बह रहे हैं,कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है.लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पारखी नजरों ने भीड़ में भी रोती हुई बेटी को देख लिया.
लोकेश्वरी नाम की बिटिया को मुख्यमंत्री ने अपने पास बुलाया, उसके सिर पर हाथ फेरा और उसे पानी पिलाया. लोकेश्वरी अब शांत थी उसने मुख्यमंत्री से बात की और बताया कि उसके पिता की 15 साल पहले मौत हो चुकी है. घर ना होने की वजह से अपनी विधवा मां और भाई के साथ अपने मामा के यहां रहने को मजबूर है. आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वो और उसका भाई पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि घरेलू कार्यों में मां की मदद करनी पड़ती है.
रोती हुई लोकेश्वरी के आंसुओं को पोंछते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल उसकी मदद की. मदद के लिए आवेदन की आवश्यकता थी तो बस्तर जिले के सचिव ने उसका आवेदन अपने हाथों से लिखा और मुख्यमंत्री को दिया. बाल मन की संवेदनाओं को बेहतर समझने वाले मुख्यमंत्री ने इस आवेदन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए लोकेश्वरी को 3 लाख रूपए की आर्थिक मदद स्वीकृत कर दी.
इसी तरह से भेंट मुलाकात के दौरान बकावंड की एक बेटी ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते कहा- सर मेरा नाम भानुप्रिया आचार्य है । मैं दृष्टि बाधित हूं मैं 10 वीं कक्षा में पढ़ती हूं लेकिन दृष्टिहीन होने की वजह से पढ़ नहीं पाती हूं और मेरे पिता की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है । इतना सुनते ही मुख्यमंत्री दृवित हो गए । उन्होंने कहा कि बेटा स्मार्टफोन और टेप रिकॉर्डर खरीदो, पैसे मैं देता हूं । मुख्यमंत्री ने दृष्टि हीन भाई – बहन का आवेदन लिया और डेढ़ लाख रुपये स्वीकृत करते आवेदन पर दस्तखत कर दिए । मुख्यमंत्री ने कहा कल आपके घर राशन भी पहुँचा दिया जाएगा । कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने दोनों भाई बहन के सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और कहा चिंता मत करो अच्छे से पढ़ाई करना ।
बकावंड में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में भानुप्रिया के भाई दृष्टि बाधित थनेन्द्र आचार्य ने भी आर्थिक सहायता की मांग की और कहा कि संगीत सीखना चाहता हूं । इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके विद्यालय में संगीत शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी ।
रोती हुई लोकेश्वरी और निराश हो रही भानुप्रिया अपने अपने चेहरे पर मुस्कान और आंखों में विश्वास की चमक लेकर वापस लौटी. क्योंकि यही है तो है छत्तीसगढ़ सरकार का मूलमंत्र, विकास, विश्वास और सुरक्षा.