देवबती स्मृति मंच द्वारा सुरता महतारी के अवसर पर काव्य श्रद्धांजली संध्या का किया आयोजन

lokasar gurur / balod

गत दिवस देववती स्मृति मंच गुरुर के तत्वावधान में काव्य श्रद्धांजलि संध्या सुरता महतारी के संपन्न हुआ. जिसका आयोजन मंच संयोजक प्रोफेसर के0 मुरारी दास ने अपने निजी निवास स्मृति कुटीर गुरुर में किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे – पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश टी.आर.चुरेंद्र जी. तथा अध्यक्षता सी.आर. साहू पूर्व व्याख्याता एवं समाजसेवी कोंगनी ने किया. विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे पूर्व शिक्षा अधिकारी जी के साहू एवं शासकीय नवीन महाविद्यालय गुरुर के हिंदी प्राध्यापक डॉ. अजय सरोज.
गोष्ठी की शुरुआत अतिथियों एवं कवियों द्वारा दिवंगत मातोश्री देववती साहू के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वल के साथ हुआ .


जिसका सफलतापूर्वक संचालन पूर्व व्याख्याता संपत कलिहारी ने किया.गोष्ठी के पूर्व प्रोफेसर के0 मुरारी दास ने स्वागत भाषण में अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि पर संक्षिप्त परिचय दिया.
धमतरी कुरूद से पधारे प्रथम कवि के रूप में मुकेश पटेल ने मातृशक्ति को समर्पित अपनी सस्वर काव्य पाठ इस प्रकार समर्पित किया-
मां तेरे कण-कण में है दया, क्षमा, करना
श्रृंगार के अनुपम पर्वत नदियों का झरना

गोष्ठी को आगे बढ़ते हुए डॉ. लक्ष्मण उमरे ने मातृशक्ति को कुछ इस प्रकार श्रद्धांजलि दी
जिसकी ममता में नहीं कोई झोल है
सारे जहां पर मां सबसे अनमोल है.
तत्पश्चात प्रोफेसर अजय सरोज ने मां को अपनी कविताओं में परिभाषित करते हुए कहा –
पहले कितनी सुंदर थी,,
मां तब गुड़िया जैसी लगती थी , मां तब घूमती फिरती विचरती थी मां अब बुढ़िया जैसी लगती है मां
तत्पश्चात एकमात्र महिला कवित्री के रूप में उपस्थित संतोषी ठाकुर ने अपनी रचनाओं में मातृशक्ति को समर्पित करते हुए कहा –
समाज के निर्माण का आधार है नारी
अकेली होकर भी भरा-पुरा परिवार है नारी.
कभी मां,कभी बहन, तो कभी बेटी भी बनती है .
त्याग तपस्या और बलिदान का नाम है नारी
इस अवसर पर कुछ कुछ कवियों ने विसंगति प्रधान रचनाएं भी पढ़ी गई.

लोक असर के संपादक दरवेश आनंद ने सांप्रदायिकता पर प्रहार कुछ इस प्रकार की –
ग से गणेश लिखा –

उन्होंने कहा वाह क्या बात है

फिर ग से गागर लिखा,

वे बोले – अति सुंदर,

फिर मैं ग से गरीब और गणतंत्र लिखा,

तो वे भड़क गए.

  • इस काव्य संध्या में छत्तीसगढ़ी के नवोदित व्यंग्य कवि सत्य प्रकाश महमल्ला ने कड़कड़ाती ठंड पर अपनी रचना परोसते हुए कहा –
  • कथरी,कमरा,ओढ़ना घलो काम नई आए
    जबले आय हे संगी जाड़ आगी अंगरा पाय .
  • इस अवसर पर जिन लोगों ने अपनी रचनाएं सुनाई उनमें.
  • इस अवसर पर जिन लोगों ने अपनी रचनाएं सुनाई उनमें जागृत सोनवानी, पंचराम हिरवानी,खुमान सिंह भाट,छ.ग. राजभाषा आयोग जिला समन्वयक डॉ. अशोक आकाश, गोपाल दास मानिक, डॉ एच डी महामाला, मुरलीधर नागेश, पुनुराम साहू गुरुपंच, बेनू राम सेन, प्रमुख थे.
  • इस अवसर पर कबीर आश्रमों से पधारे संत दयाचंद दास साहब, संत दिनेंद्र दास साहब व संत मितेश साहेब ने भी सारगर्भित मातृ प्रधान संदेश परक अपने विचार रखें.
  • न्यायाधीश परिवार के सदस्यों में श्रीमती सुमति चुरेंद्र, सुश्री झरना चुरेंद्र व श्रीमती सुमन भेड़िया ने गोष्ठी में अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की.
  • कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालय के –छात्रा कु. सोनल व कु.काव्या प्रीत कौर ने देश भक्ति गीत पर नृत्य कर श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया. इस काव्य संध्या में आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष चोवेन्द्र कुमार , शैलेश कुमार, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिमा गोस्वामी सहित आयोजक प्रोफेसर के मुरारी दास के अनेक परिजन उपस्थित थे .
  • उल्लेखनीय है कि, इस गोष्ठी में दीपक देवदास को पत्रकारिता के लिए देववती स्मृति सम्मान 2024 के साथ ही समाजशास्त्र के प्राध्यापक डॉ नजमा बेगम व सुमति चुरेंद्र को भी सम्मानित किया गया. काव्य संध्या में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया के अनेक लोग उपस्थित थे. प्रोफेसर के0 मुरारी दास आयोजक/ संयोजक देवबती स्मृति मंच गुरुर.

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