लोक असर पखांजूर lokasar pakhanjur
शहीद गैंदसिंह की कर्मस्थली परलकोट क्षेत्र में शहीद गैंदसिंह स्मारक भवन पखान्जूर, हल्बा सामाजिक भवन शीतला पारा पखान्जूर, गढ़ परतापुर, बारदा, बेलगाल , बड़ेझाड़कटा, छिन्दपाल, कापसी आदि स्थानों में समाज प्रमुखों की उपस्थिति में सर्व प्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर मां दंतेश्वरी एवं शहीद गैंदसिंह बाऊ की छाया चित्र पर सेवा विनती अरजी कर अखिल भारतीय आदिवासी हल्बा समाज पखान्जूर इकाई द्वारा शक्ति दिवस परब हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

हल्बा समाज के तीन रंगों से बने ध्वज का ध्वजारोहण किया गया। तीन पट्टियों का ध्वज ऊपर में हरा रंग, बीच में सफेद और नीचे का रंग केशरिया रंग से बना है। बीच के सफेदपट्टी में कटारी और ढाल तथा धान की बाली हल्बा समाज का प्रतीक चिन्ह है, यह मेहनतकश कृषक और लड़ाकूपन का सूचक है। ऊपर का हरा रंग जमीन की प्रकृति से है तथा सुख, समृद्धि पहचान है,बीच की सफेद शांति का प्रतीक है। नीचे का केशरिया रंग शक्ति का प्रतीक है परम्परा का आन -बान और शान है, प्रति वर्ष 26 दिसंबर को शक्ति दिवस मनाया जाता है।


संरक्षक धनसिंह बघेल, हेमन्त वैद्य, लक्ष्मण खुड़श्याम, कृष्ण पाल राणा महासचिव 18 महासभा ,महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष श्रीमती पुष्पलता नायक, सचिव श्रीमती चन्द्रकुमारी नाग, कर्मचारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष अशोक उर्वशा, सचिव दिनेश नाग, कोषाध्यक्ष सीवन बघेल, गोवर्धन नाग, जनक दुलारी देहारी, सुशीला नाग, परमेश्वर प्रधान, प्रकाश नाग, महेश्वरी बघेल ,राज कुमारी गुरुवार, भुवनवती बघेल , ईश्वर नाग, गनेश्वरी राणा, खेदूराम नाग, बेनूराम धनेलिया, हेमलता नेगी, बिहारी लाल देहारी, सुरेन्द्र भोय, नम्रता नाग, सरीन समरथ उत्साह पूर्वक शक्ति दिवस मनाया गया।
