(लोक असर समाचार दंतेवाड़ा)
बीते दिनों दिनांक २२ फरवरी २०२५ को बारसूर में स्थित पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय में भावनात्मक बुद्धिमता पर २ घंटे का विशेष सत्र आयोजित किया गया.

सत्र में विद्वानो ने परिसर के बच्चों में बौद्धिक विकास के साथ- साथ भावनात्मक बुद्धिमता विकसित करने के लिए अनुभवी प्रशिक्षक उमाशंकर ने अपने जीवन से अर्जित मूल्यों को सुझाव और अनुभव के माध्यम से साझा किया.
आपके संज्ञान हेतु यह बताना लाज़िमी होगा कि जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य धर्मेन्द्र कुमार यादव ने अपने परिसर के बच्चों को 21 वीं सदी आधारित स्कील सेमिनार पर आदरपूर्वक उमाशंकर को आमंत्रण किया था. इस दौरान दुर्गेश पांडेय, जगदीश चौधरी टीजीटी अंग्रेजी के प्रशिक्षित शिक्षक भी मौजूद रहे.


सत्र में उमाशंकर द्वारा मूलतः भावनात्मक बुद्धिमत्ता (ईआई) यानी इमोशनल इंटेलिजेंस (ईक्यू) पर २ घंटे का सत्र अपने अनुभव के आधार पर बच्चों को सौंपा गया । इस महत्वपूर्ण विषय वस्तु में ग्रुप एक्टिविटीज के तहत वर्ग ९वी और ११वीं के छात्र-छात्राओं ने अपनी भावनाओं को समझने, उन पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं को भी सम्मान प्रदान करते हुए समझने की क्षमता को भी जीवंत स्वरूप देखा,समझा और अनुभव किया ।। यह एक सार्वभौमिक योग्यता है. भावनात्मक बुद्धिमत्ता के मुख्य तत्व: आत्म-जागरूकता, आत्म-नियमन, प्रेरणा, सहानुभूति, सामाजिक कौशल.
भावनात्मक बुद्धिमत्ता के फ़ायदे यह दूसरों को प्रभावित करने और प्रेरित करने में मदद करती है और साथ ही यह टीम के सदस्यों को प्रशिक्षित करने और सलाह देने में मदद करती है. यह सीखने और सोचने में अंतर वाले बच्चों को उनकी चुनौतियों का प्रबंधन करने में मदद करती है. यह जीवन में सफलता के लिए ज़रूरी है.उल्लेखनीय यह है कि उमाशंकर देश के विभिन्न पहुंचविहीन इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने सदैव भ्रमण पर रहते हैं . पर्दे के पीछे रहकर समाज सेवा का उनका जज्बा औरों से उन्हें सदैव अलग करता है जूनून के साथ समाज सेवा में ही अपना जीवन लगा देने वाले उमाशंकर जैसे विरले ही होते हैं . बता दें उमाशंकर के संग अतिथि स्वरूप इस सत्र में दंतेवाड़ा वन विभाग के विकास सहायक प्रबंधक (प्रक्रिया) जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित विकाश, NMDC पॉलीटेक्नी कॉलेज के अंग्रेजी प्रोफेसर डॉक्टर राजकुमार देशमुख एवं दंतेवाड़ा के चर्चित चेहरा मंडल मेडिकल स्टोर के तारक चंद्र मंडल भी उपस्थित थे.
