शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट से क्रमोन्नत वेतनमान की लड़ाई जीती

प्रदेश के लाखों शिक्षक एलबी संवर्ग में खासा उत्साह

सहायक शिक्षक सोना साहू सबके लिए नजीर बन गई

दिल्ली से वापस आने पर मनीष मिश्रा, रवीन्द्र राठौर और बसंत कौशिक का राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में जोरदार स्वागत किया गया

LOK ASAR RAJNANDGAON

शासन द्वारा कर्मचारियों की हितों के लिए कई अच्छे नियम बनाए जाते हैं लेकिन सरकार को कर्मचारियों के हित में बनाए गए नियम रास नहीं आते और उनके हकों पर समय -समय में कुठाराघात कर कर्मचारी वर्ग को सताने का काम करते हैं । सरकार इसका खामियाजा भी भुगतती है और चुनाव के समय सरकार बदल जाती है। पर इसके बावजूद भी शासन कर्मचारी वर्ग की हितों पर डाका डालते रहते हैं। ऐसा ही एक प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ के शिक्षक एल बी संवर्ग ने क्रमोन्नत वेतनमान की लड़ाई जीत ली है और छत्तीसगढ़ शासन की याचिका खारिज कर दी गई है।इससे प्रदेश के एक लाख से अधिक उन एलबी संवर्ग शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है जिसे छत्तीसगढ़ शासन ने 10 वर्ष सेवा के बाद भी पदोन्नति नहीं दिया जबकि 7 वर्ष में पदोन्नति का नियम है। पदोन्नति न देने की स्थिति में 10 वर्ष में प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान और 20 वर्ष में द्वितीय क्रमोन्नति का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष मनीष मिश्रा , रविन्द्र राठौर और बसंत कौशिक ने बताया कि सोना साहू जो की 10 वर्षों से अधिक समय तक सहायक शिक्षक के रूप में सेवा प्रदान की थी उन्होंने हाई कोर्ट बिलासपुर में क्रमोन्नत वेतनमान के लिए याचिका दायर की थी और सोना साहू ने यह केस जीत भी लिया। उसे पंचायत विभाग से एरियर्स राशि भी मिल गया परंतु शिक्षा विभाग ने उन्हें एरियर्स राशि नहीं दिया ।सोना साहू की जीत से उत्साहित लगभग 100 शिक्षकों ने भी हाई कोर्ट बिलासपुर में क्रमोन्नत वेतनमान के लिए केस दायर कर दिया इससे छत्तीसगढ़ सरकार हड़बड़ा गई और सर्वोच्च न्यायालय में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के खंडपीठ के फैसले के विरुद्ध विशेष अनुमति याचिका दायर कर दी ताकि प्रदेश के एक लाख से अधिक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान ना देना पड़े।

इधर सर्वोच्च न्यायालय से सोना साहू द्वारा केस जीत लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट से सोना साहू द्वारा केस जीतने से प्रदेश के एक लाख से अधिक शिक्षक एलबी संवर्ग स्वर्ग में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है इससे शिक्षकों को लाखों रूपयों का एरियर्स राशि मिलेगी।इस लड़ाई के लिए छत्तीसगढ़ शिक्षक एलबी संवर्ग कल्याण समिति का गठन किया गया और यह रणनीति कामयाब हुई। शिक्षकों ने सोना साहू केस में मदद की फलत: सोना साहू को सर्वोच्च न्यायालय में जीत मिली और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए हाईकोर्ट बिलासपुर के आदेश को बरकरार रखा है।

सर्वोच्च न्यायालय में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और स्थाई वकील अंकिता शर्मा द्वारा किया गया था वहीं प्रतिवादी संख्या -एक सोना साहू का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता देवाशीष तिवारी द्वारा किया गया था। पीड़ित शिक्षकों के मामलों का समर्थन करने के लिए शिक्षक संघ की ओर से छत्तीसगढ़ शिक्षक एलबी संवर्ग के प्रदेश पदाधिकारी रामनिवास साहू,मनीष मिश्रा ,अध्यक्ष छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक /समग्र शिक्षक फेडरेशन, प्रदेश पदाधिकारी रविंद्र राठौर और बसंत कौशिक उपस्थित थे। सुप्रीम कोर्ट से क्रमोन्नत वेतनमान की लड़ाई जीतने के बाद मनीष मिश्रा रविंद्र राठौर और बसंत कौशिक वंदे भारत एक्सप्रेस से अपने गृह ग्राम और पदस्थ शाला के लिए वापस आए। इस अवसर पर उन लोगों का राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक /समग्र शिक्षक फेडरेशन जिला इकाई राजनांदगांव द्वारा जोरदार स्वागत किया गया ।

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष रमेश कुमार साहू ,प्रदेश पदाधिकारी मिलन साहू ,जिला संयोजक ओम प्रकाश साहू ब्लॉक अध्यक्ष राजनांदगांव रोशन साहू ,ब्लॉक अध्यक्ष डोंगरगांव भरत साहू, ब्लॉक अध्यक्ष डोगरगढ़ हीरालाल मौर्य,ब्लॉक अध्यक्ष छुरिया कीरत गणवीर, श्रीमती मंजू देवांगन, उपाध्यक्ष बंदिश नेम पांडे, जिला मीडिया प्रभारी अमिताभ दुफारे, जिला संयोजक ललित प्रताप सिंह, प्यारेलाल साहू,राजेश देवांगन, पूरन कोठारी ,याद दास वर्मा, कमल कुमार वर्मा, सुलोचना वर्मा ,खिलावन सिंह ठाकुर ,राजेश पंचभाई ,मुकेश चंद्रवंशी, उमेश कुमार देश लहरा, सूरज शर्मा ,अमीन कुरैशी , मुकेश देवांगन, चंद्रशेखर विजयवार, मनीष बडोले, डालेश्वर देवांगन, जितेन्द्र डहाट सहित अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति रही।

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