सरकारी खजाने भरने के एवज में गाड़ी मालिकों की आह व परिवार की सिसकियों के जिम्मेदार – प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्री
(लोक असर समाचार राउरकेला, 16 अगस्त 2025)
देशभर में लागू की गई ऑनलाइन चालान (E-Challan) व्यवस्था को सड़क सुरक्षा और पारदर्शिता का उपाय बताया गया था, लेकिन वास्तविकता में यह प्रणाली भ्रष्टाचार, तकनीकी खामियों,छोटे ट्रक मालिकों और ट्रांसपोर्टरों के शोषण का नया जरिया बन चुकी है।


O गलत चालान का अंबार – खराब कैमरा, GPS और तकनीकी त्रुटियों के कारण निर्दोष चालकों पर हजारों रुपये के चालान थोपे जा रहे हैं।जो गलत होते हुए गाड़ी मालिकों पर सीधे थोपे जा रहे हैं वह गाड़ी मालिक रोते बिलखते ही सही इसे जमा करने को मजबूर हैं l भारी जुर्माना, छोटा अपराध – सीट बेल्ट, ओवरलोडिंग, नो पार्किंग या मामूली तकनीकी त्रुटि पर भी ₹5,000 से ₹25,000 तक चालान, जिससे छोटे ट्रक मालिक कर्ज में डूब रहे हैं। सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत अच्छी सड़के व पार्किंग की व्यवस्था देनी है किंतु अपनी कमियों को छुपाने का काम करते हुए छोटे गाड़ी मालिकों पर नो पार्किंग व अन्य धारा के तहत हजारों रुपए के फाइन थोक जा रहे हैं ल
O भ्रष्टाचार का नया रूप – चालान को “रद्द” या “कम” कराने के नाम पर परिवहन अधिकारियों द्वारा खुलेआम सरेराह अनियमित व लगातार वसूली जारी है। समय-समय पर चालक बंधुओं द्वारा एंव गाड़ी मालिकों के माध्यम से सोशियल मिडिया मे वायरल वीडियो / क्लिप / सोर्ट्स के जरिये यह देखा जा रहा है लेकिन उस वायरल वीडियो के ऊपर कोई क्रिया / प्रतिक्रिया व कार्रवाई नहीं होती यह शर्म की बात है l
O डिजिटल पेमेंट की बाधाएँ – ग्रामीण क्षेत्रों के चालकों को ऑनलाइन भुगतान, QR कोड, पोर्टल आदि का ज्ञान न होने से और अधिक परेशानी हो रही है। जिसके ऊपर सुनवाई नहीं होती व सीधे कोर्ट फॉरवर्ड / चालान कर दिया जाता है जिससे गाड़ी मालिकों/ सारथीयों की परेशानी और बढ़ जाती है एवं कानूनी सलाहकारों के खर्चा अलग से जान की आफत बन जाती है ल
O परिवहन लागत में वृद्धि – अतिरिक्त जुर्माने का बोझ माल भाड़े में जोड़ा जा रहा है, जिससे आम जनता तक महंगाई बढ़ रही है जो व्यवस्था पर धीमे जहर का काम कर रही है एंव भोली भाली आम जनता को इसका भुगतान करना पड़ रहा है l चालकों का मानसिक उत्पीड़न लगातार चालान और वसूली के डर से सड़क पर उनकी एकाग्रता प्रभावित हो रही है जो सीधे तौर दुर्घटना को आमंत्रण देती है l
O छोटे परिवहनकर्ताओं का संकट – बड़ी कंपनियों के मुकाबले छोटे ट्रांसपोर्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं एवं सरकारी तंत्र व भ्रष्टाचार की इंतहा इतनी हो गई है कि जिन हाथों से छोटे गाड़ी मालिकों के ऊपर हजारों के ई-चालान काटे जा रहे हैं वहीं बड़ी कंपनियों व कारपोरेट लोगो (मार्का) देखने पर उनकी गाड़ियों पर चालान काटने हेतु अधिकारीयों व परिवहन कर्मचारियों को उनके नंबर प्लेट तक नहीं दिखते ल
O सड़क सुरक्षा की आड़ में लूट – ई चालान से सड़क सुरक्षा सुधरने की बजाय भ्रष्टाचार और भय का खुला व हृदय विदारक वातावरण बन गया है।
संगठन का पक्ष -” उफ्तत्सा ” * “राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा “ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी “– के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजकुमार यादव ने कहा:
“सरकार ने कहा था कि ऑनलाइन चालान से पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार खत्म होगा। लेकिन आज सच्चाई यह है कि ई-चालान खुलेआम भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का साधन बनते हुए हृदय छिलते हुए खून के आंसू बनकर बाहर आ रहे हैँ । निर्दोष चालकों और छोटे ट्रांसपोर्टरों पर लगातार आर्थिक बोझ डाला जा रहा है सरकार में दम है या साहस है तो ई चालान के आरंभ होने से लेकर अब तक बड़ी व कॉरपोरेट कंपनियों के नाम पर कितने चालान काटे गए हैं यह सार्वजनिक करने का कष्ट करें । यह व्यवस्था सुधार की बजाय समस्याओं को और गहरा रही है एवं माननीय प्रधानमंत्री के एक देश एक विधान एक संविधान की बात को सीधे रूप से खारिज कर रही है ”
राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा सरकार से मांग करता है कि:
ई चालान को तुरंत बंद किये जाएं, पूर्व मे काटे गए ई-चालान व्यवस्था की स्वतंत्र जाँच कराई जाए,गलत चालानों की समीक्षा और निरस्तीकरण की व्यवस्था शीघ्रताशीघ्र हो, भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो, छोटे ट्रक मालिकों व चालकों को विशेष राहत पैकेज दिया जाए. मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में परिवहन क्षेत्र में बड़ा व अभूतपूर्व अनिश्चित्कालीन आंदोलन छेड़ा जाएगा।
