सावित्री फुले और फातिमा शेख को किया गया याद
LOK ASAR SAMACHAR KHAIRAGADH/BALOD
03 जनवरी मंगलवार को इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के ओडीटोरिम में शैक्षिक प्रगतिशील मंच द्वारा सेमिनार और सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जयंती पर सावित्री फुले और फातिमा शेख को याद करते हुए,
शिक्षा के विभिन्न आयाम और विकास की संभावना विषय पर सेमिनार एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.
राज्य में पहली बार आयोजित इस अत्यंत सफल कार्यक्रम के संयोजक जिला पंचायत सभापति विप्लव साहू रहे. जिसमे अनेक शिक्षाविद, न्यायविद, सामाजिक विशेषज्ञ और मनोविज्ञान के विशेषज्ञ व अन्य शामिल हुए.
वक्ताओं में पद्म पद्मश्री फूलबासन यादव ने अपने जीवन संघर्ष, बिना शर्म अथक श्रम से आर्थिक मुक्ति के रास्तों पर चलने पर जोर दिया.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सी के कश्यप ने नागरिक अधिकार, पाक्सो एक्ट और महिला अधिकार की बात बताई.
पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा ने महिलाओं की भागीदारी, जागरूकता और चेतना पर बल दिया.
लोकेश्वरी नेताम सामाजिक कार्यकर्ता गरियाबंद ने किसी भी जगह से संघर्ष शुरू कर लेने की अपील की.
डॉ दीप्ति धुरंधर मेंबर ऑफ एक्सपर्ट साइकोलॉजिस्ट पैनल बिलासपुर ने मनोवैज्ञानिक चिंतन के माध्यम से बताया कि आज के भागम_भाग वाले दौर में तनाव का उचित प्रबंधन जीवन विकास में अहम भूमिका निभाता है.
डॉ एन एस वर्मा प्राचार्य पंडित देवी प्रसाद चौबे महाविद्यालय गंडई ने कहा की यह आयोजन सही मायनो में सावित्री फुले के प्रति कृतज्ञता है.
एस के कुजूर प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय खैरागढ़ ने कैरियर के लिए अन्य छुपे, लेकिन संभावनाओं से भरे क्षेत्रों में जाने के लिए प्रेरित किया.
प्रो. जितेंद्र साखरे प्राचार्य रानी रश्मि देवी महाविद्यालय खैरागढ़ ने कहा कि आज के कार्यक्रम में गूढ़ रहस्यों से भरा विषय चुना गया है जिस पर लगातार सेमीनार करना होगा.
एस बी वाराठे प्राचार्य पोलिटेक्निक कोलेज खैरागढ़ ने युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया.
जे के वैष्णव वरिष्ठ लाइब्रेरियन रानी रश्मि देवी कॉलेज खैरागढ़ ने कहा कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है.
एस के सिंह सहायक प्रबंधक डीआईसी ने जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र राजनांदगांव से महिलाओं और शिक्षित युवाओं से लाभ लेने की अपील की.
सावित्री फुले सम्मान से नौ शिक्षक और अन्य सम्मानित-
निश्चित और परंपरागत दायरे से बढ़कर बेहतर काम करने वाले शिक्षकों में दुर्गेश यदु (धौंराभांठा), अंगद सलामें (औंधी), उमेन्द्र पटेल (प्रकाशपुर), रूपेश देशमुख, धनेश नेताम, कृतलाल जंघेल, विकास चोपड़ा, केजउराम चौरे को सावित्री फुले सम्मान प्रदान किया गया.
शैक्षिक जागरण, सामाजिक और पर्यावरण के लिए कार्य करने वाली संस्था मोर संग चलव छुईखदान, इकरा फाउंडेशन खैरागढ़, क्षेत्र विशेष में ख़ास परिणाम लाने के लिए निर्मल त्रिवेणी अभियान, जय जगन्नाथ सेवा समिति, कोरोना काल की महामारी में काम करने वाले स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ नर्स, एएनएम, पैथोलॉजी, टीकाकरण और अन्य कर्मियों, बेहतर पुलिसिंग और निजात अभियान द्वारा चलाये गए कार्य के लिए चुनिन्दा पुलिस कर्मियों, स्वच्छता दीदीयों, शहरी और ग्रामीण मितानिनों, आँगनबाड़ी और जिले भर से बेहतर काम करने वाले महिला स्व-सहायता समूह को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में शामिल लोगों से कार्यक्रम के फीडबैक पेपर भी लिया गया जिसे लोगों ने उत्सुकता से भरकर जमा भी किया.
अपनी तरह के इस अभिनव आयोजन में जिले भर से सैंकड़ो की संख्या में जन-प्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिकगण, अधिकारी-कर्मचारी, प्रोफेसर्स, लेक्चरर, शिक्षक, महिलाएं, युवक-युवती, शैक्षणिक संस्थाओं के छात्र, ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग बड़ी उत्सुकता से शामिल हुये साथ ही राजनांदगांव, रायपुर, दुर्ग, बालोद, कबीरधाम आदि जिलों से भी सैंकड़ों लोग इस सफल कार्यक्रम के गवाह बने.
संचालन करते हुए विप्लव साहू ने मुक्तकों, छोटी कहानियों के साथ दर्शकों को जोड़ते हुए कहा कि आदर्श व्यक्ति के लिए दूर जाने की जरुरत नहीं है, आज के आयोजन में कई गंभीर और सफल लोग मौजूद हैं जिनसे सीख लिया जाना चाहिए.