सेवानिवृत्ति के बाद भी शिक्षकों को अपनी बात सकारात्मक अंदाज में रखनी चाहिए: सीताराम साहू

31 सेवानिवृत्त एवम् 07 दिवंगत शिक्षकों का विदाई एवं सम्मान समारोह

(लोक असर समाचार के लिए गुरुर से प्रोफे. के.मुरारी दास की ग्राउंड रिपोर्ट)

शिक्षक एक बेहतरीन कलाकार, साहित्यकार, संस्कृति कर्मी और विविध, बहुआयामी प्रतिभाओं का धनी हो सकता है , पर शिक्षकों में अब तक ऐसी प्रतिभा देखने नहीं मिला कि वे अपने शिक्षकीय दायित्व के माध्यम से समाजिक परिवर्तन लाए। फिर वह प्राथमिक या पूर्व माध्यमिक ही नहीं, उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थाएं भी क्यों ना हों। आज तक ये स्थितियां देखने नहीं मिला। हां वे समय के पाबंद हो सकते हैं.उनका व्यक्तित्व अच्छा हो सकता है। और उनके पढ़ाने-लिखाने के कार्य भी बहुत अच्छे हो सकते हैं पर सामाजिक परिवर्तन की दृष्टि से पूरी शिक्षकीय बिरादरी में ऐसी संभावना है देखने को नहीं मिलता।

विगत 5 जनवरी को 2022 में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों के विदाई एवं सम्मान समारोह में यही कुछ चीजें जो समाज में परंपरागत ढंग से व्याप्त है उसी को अपनी परिष्कृत और शिष्ट अंदाज में पुनरावृति करते हुए देखा। जिसका आयोजन विकासखंड के शिक्षक समूह ने किया था।

आयोजन के मुख्य अतिथि लोक साहित्यकार एवं सीताराम साहू”श्याम” थे। उन्होंने कहा सेवानिवृत्त होने के बाद हम अपने आप को नाकाम समझने लगते हैं, बल्कि होना यह चाहिए हमें अपने समय को जीवंतता प्रदान करने के लिए हमेशा प्रसन्नचित रहना चाहिए तथा हर बात को सकारात्मक अंदाज में लेना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने अपनी चिर परिचित लोकगीत कबीर के उलट वासी सहित अनेक कविताओं का सस्वर गायन किया। जिसकी प्रशंसा जनसमुदाय ने मुक्त कंठ से की।

आयोजन के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश देशमुख ने कहा कला साहित्य और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षक का विदाई एवं सम्मान एक कालजयी कार्यक्रम है जो कि बहुत दिनों तक शिक्षकों के मानव मस्तिष्क पर ताजा बना रहेगा यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो शासन का है ना प्रशासन का बल्कि शिक्षकों के योगदान पर ही यह खूबसूरत कार्यक्रम बन पाया है ।

आयोजन की अध्यक्षता पूर्व शिक्षा अधिकारी डीपी कोसरे की इसके पूर्व अपने स्वागत भाषण में वेद प्रकाश भेषले ने गुरु की महत्ता को प्रतिपादित करने का प्रयास किया।

कार्यक्रम में 07 दिवंगत शिक्षकों के परिजनों सहित 31अवकाश प्राप्त शिक्षकों को शाल श्रीफल मोमेंटो डायरी और बुके भेंट कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का संचालन पूरन लाल फैसले एवं भारत सिन्हा ने की इस अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ठेकवा एवं दूपचेरा के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी इस कार्यक्रम में लगभग 1हजार शिक्षकों की गरिमा पुर्ण उपस्थिति रही।

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