LOK ASAR NARAYANPUR
कुछ दिनों पहले नारायणपुर जिले में धर्मान्तरण मुद्दे पर हुए विवाद पर हुई हिंसा की देश भर में चर्चा में आने के बाद दिल्ली से मार्क्स वादी कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद बृंदा करात के नारायणपुर पहुंचने पर कांकेर जिला स्थित हमारे लोक असर संवाददाता नीरज राय द्वारा की गई बेबाक बातचीत
यह कि वृंदा करात अपने बस्तर प्रवास के दौरान धर्मांतरण को लेकर लोगों से मिल रही हैं। उन्होंने लोक असर से खास बातचीत में कहा कि कहीं कोई धर्मांतरण नहीं हो रहा है।
? आप बस्तर अंचल में 4/5 दिनों से है। यहां (नारायणपुर) आने का क्या उद्देश्य है•
00 यहां मेरे आने का उद्देश्य है, मैंने सुना है , अखबारों में रिपोर्ट देखे हैं। यहां पर लोगों को जबरन धर्म परिवर्तन करा क्रिश्चन बनाया जा रहा है व्यापक पैमाने पर। यह हम जानने आए हैं। मैं आदिवासियों के बीच काम करती हूं। राष्ट्रीय आदिवासी अधिकार मंच के साथ। मैंने देखा है, जहां आदिवासियों का संघर्ष चल रहा है अपने संवैधानिक अधिकारों/मुद्दों को लेकर। लेकिन वहां ऐसे तत्व हैं जो आदिवासियों को धर्म के नाम पर बांट कर उनके संघर्ष को कमजोर कर रहे हैं। मैं जानना चाह रही हूं कि यहां पर क्या मामला है हम अपनी पार्टी के डेलिगेशन के साथ आए हैं। उसके पीछे कौन लोग हैं? उनका मकसद क्या है? यहां पर हमने सौ, सवा सौ लोगों से मुलाकात किए हैं, जिनमें आदिवासी, आदिवासी क्रिश्चियन, लोकल बॉडी से मिले हैं। यहां के पास्टर से मिले हैं। यहां के एक्टिविस्ट से मिले हैं। किसी ने नहीं कहा कि धर्मान्तरण हो रहा है।
? धर्मांतरण को लेकर भाजपा का आरोप कितना सही है•
00 बस्तर अंचल में कहीं भी धर्मांतरण का मामला नहीं मिला है। हम कलेक्टर से मिले, पुलिस से मिले , शासन के अनेक लोगों से, ग्रामीणों से मिले। हमने पूछा इस पूरे क्षेत्र में धर्मांतरण का कोई भी केस हुआ है। उन्होंने कहा नहीं। जब एक भी केस नहीं है। तो अचानक एक गांव में धर्मान्तरण को लेकर हिंसा हो जाती है। जबकि सितंबर से जनवरी तक गांव में लोग एक साथ रह रहे हैं। सब से बात की तो पता चला कि गांव में बीजेपी के लीडर हैं राज्य स्तर के, लोकल स्तर के लीडर हैं। यहां बीजेपी के जो भी संगठन बने हैं। आदिवासियों का नेता जो बीजेपी से जुड़े हैं उनसे मिलकर यह सारा खेल करवाया जा रहा है। इसके पीछे कारण है छत्तीसगढ़ में इस साल यहां पर चुनाव होने वाले हैं और यहां से बीजेपी ज्यादातर सीटें हार चुकी है। तो धर्म के नाम पर आदिवासियों को बांटने का काम कर रहे हैं। एकदम स्पष्ट है।
? मंत्री कवासी लखमा के इस बयान से कितना सहमत हैं कि यहां इक भी धर्मांतरण नहीं हुआ है धीरेंद्र शास्त्री को दिए चुनौती से•
00 यहां धर्मान्तरण नहीं हो रहा है। और धर्मान्तरण हो रहा है तो घर वापसी का हो रहा है। बीजेपी आरएसएस लोगों से कह रहे हैं या तुम अपने आप को हिन्दू घोषित करो, तिलक लगाओ नहीं तो यहां नहीं रह सकते।
? जब आदिवासी स्वयं को हिंदू नहीं मानते तो बीजेपी, आर एस एस उन्हें हिन्दू बनाने के लिए धर्मांतरण को मुद्दा तो नही बना रही है•
00 हां। हमारे देश में एक संविधान हैं। एक कानून है। चाहे बीजेपी हो, चाहे कोई हो जो यहां के नागरिक हैं। कोई भी किसी भी धर्म को अपना सकते हैं। यह हमारे संविधान के तहत है। आज अगर मैं कहूं हिंदू नहीं हूं , कल मैं हिंदू रीति रिवाज में अपने को जोड़ सकती हैं। उसमें क्या बात है। आज किसी और में विश्वास करती हूं कल किसी ईसाई धर्म को अपना सकते हैं यह मेरा संवैधानिक अधिकार है। संविधान के तहत अपने धरम की आधार वह स्वयं तय करें उसे कोई रोक नहीं सकता और कोई बाधा नहीं डाल सकता। और कभी भी साधारण आदिवासी इसका एतराज नहीं किया। लेकिन बीजेपी, आरएसएस के लोग यहां घृणा के बीज बोने का काम किया है। जबकि यहां पर सभी एक साथ रह रहे हैं , जहां पर राजनीति नहीं है। इसे प्रशासन भी स्वीकार किया है उन्होंने नाम नहीं लिया, लेकिन हम समझ सकते हैं।
? यदि धर्मांतरण हो रहा है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन हो सकते हैं•
00 देखिए पहले दोषी वह है जिन्होंने यह करवाया है। जो लोग जेल में है। अधिकतर लोग बीजेपी से जुड़े हुए हैं। उनका एक डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट भी है तो बिल्कुल स्पष्ट है कि कौन करवा रहे हैं। दूसरी बात जब सितंबर में पहली घटना घटी तो उसे प्रशासन को रोकना था। लेकिन नहीं रोका गया। अभी 17 जनवरी तक और आज भी जो लोग गांव जा रहे हैं वापस आ रहे हैं उन्हें विभिन्न प्रकार की धमकियां सुनना पड़ रहा है। प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है लेकिन नहीं रोके गए और तीसरी बात हैरान करने वाली यह है कि यहां कांग्रेस की सरकार है। सरकार काम कर रही है । इतनी बड़ी घटना के बाद भी कोई पॉलिटिकल पार्टी गांव आकर खबर नहीं ली। यहां लोग मुझे बोले आप पहले आई हैं हमारी बात सुनने के लिए। महिलाएं प्रताड़ित हुई है रो-रो कर कहा कि हम किसी को बता नहीं पाए। यहां जो रूलिंग पार्टी है और भी दल है आखिर क्यों नहीं आए?

