LOK ASAR DHAMATARI
अनुसूचित जनजाति वर्ग के संवैधानिक आरक्षण को संरक्षित रखने हेतु अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के शासकीय सेवाओं में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने, उसकी जांच करने माननीय उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय एवं एम. नागराज, जरनैल सिंह, विष्णु प्रसन्न तिवारी केस आदि महत्वपूर्ण केसो में दिए गए आदेशों ( नवीनतम निर्देश जर्नेल सिंह केश आदेश दिनांक 28 जनवरी 2022) के अनुसार आरक्षण जारी रखने के लिए मुख्य निर्धारित शर्त में क्वांटीफाइबल डाटा/ प्रमाणिक मात्रात्मक डाटा, आंकड़ा पदवार / केडरवार दिखाना, एकत्र करना आवश्यक है। ग्रुपवार, श्रेणीवार आंकड़े को गलत माना है, जिसके लिए आरक्षण रोस्टर, बैकलॉग रोस्टर के केडरवाइस आंकड़े, डाटा को ही सही माना गया है। जिसमें प्रत्येक पद, केडर का स्वीकृत, भरे, रिक्त और बैकलॉग रिक्त पदों की वर्तमान स्थिति स्पष्ट होता है। जिसे आरक्षण अधिनियम की धारा 19 के अनुपालन में प्रतिवर्ष जनवरी की स्थिति में विधान सभा में प्रस्तुत करने का प्रावधान है ।
इसलिए सीधी नियुक्ति एवं पदोन्नति से नियुक्ति में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये 32% आरक्षण को लागू करने के लिए और उसकी जांच के लिए पदोन्नति नियम 2003, आरक्षण अधिनियम 1994, नियम 1998 के प्रावधानों के अनुसार गठित स्थायी कमेटी, संभागीय और जिला स्तरीय कमेटी आरक्षण प्रकोष्ठ, नोडल अधिकारियों को सभी विभाग, कार्यालय में प्रत्येक पद का नियुक्ति, पदोन्नति का पृथक पृथक रोस्टर, बैकलॉग रोस्टर संधारण की स्थिति की जांचकर तत्काल डाटा, आंकड़ा प्रस्तुत करने सचिव आरक्षण प्रकोष्ठ सामान्य प्रशासन विभाग, आदिमजाति कल्याण विभाग तथा सभी कमिश्नर कलेक्टर और विभागीय मंत्रियों को तत्काल निर्देश जारी किये जाने का निवेदन भूपेश बघेल मुख्यमंत्री एवम् अमरजीत भगत मंत्री– खाद्य एवं संस्कृति, लखेश्वर बघेल विधायक एवं अध्यक्ष बस्तर विकास प्राधिकरण छत्तीसगढ़ को अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के प्रदेश अध्यक्ष आर एन ध्रुव द्वारा किया गया है।
वहीं उन्होंने कहा कि इससे आरक्षित अनुसूचित जनजाति वर्गों को शासकीय नौकरियों में नियुक्ति, पदोन्नति संविधान के अनुच्छेद 16 (4 अ) , 16 (4 ब) , 335 में दिये गये आरक्षण के अधिकारों का उचित लाभ मिल सकेगा और न्यायालय में चुनौती देने पर स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों का आंकड़ा, डाटा क्वांटीफाइबल डाटा प्रस्तुत किया जा सकेगा।

