मटिया (अ) स्कूल में मनाया गया पढ़ाई तिहार, स्मार्टमाता का खिताब डामिन साहू

LOK ASAR BALOD

जिला शिक्षा अधिकारी मुकुंद केपी साव, डीएमसी अनुराग त्रिवेदी, एपीसी जीएल खुरश्याम के मार्गदर्शन और निर्देशन में जिला नोडल पुष्पा चौधरी के सहयोग से पांचों ब्लॉक के बी आर जी ने जिले में पढ़ाई तिहार मनाया। इस क्रम में पढ़ाई तिहार का आयोजन प्राइमरी स्कूल मटिया (अ) में भी हुआ।

कार्यक्रम के संचालक डुलेश्वर पाटिल (प्रधान पाठक) प्राथमिक विद्यालय मटिया। प्रभारी प्रधान पाठिका शशिकला देशमुख, संगीता देवांगन, जागेश्वरी देवांगन, डोमार सिंह चंद्राकर (प्रधान पाठक ) मिडिल स्कूल मटिया परमानंद साहू, उमेन्द्र महेश्वरी, चमेली साहू, षितेश कुमार चौधरी, रसोईया दुलेश्वरी साहू, सुनीता यादव,नीता चौधरी पुष्पा साहू और ग्राम से पहुंचे बेनुराम, प्रीतम चौधरी, अहिराज साहू ढ़ी डी डी यदु (शिक्षा विद) लीला चौधरी (समाज सेविका), पूर्णानंद चौधरी( उपसरपंच), संतोष ठाकुर (भूतपूर्व सरपंच,) श्री पवार, (सर सीएससी), पुष्पा चौधरी -जिला नोडल अंगना मा शिक्षा। डिधेश्वरी साहू ( आंगनबाड़ी कार्यकर्ता), सुनीता यादव, धनेश्वरी, खिलेवश्वरी सोमेश्वरी, मालती, भारती, नारायणी इन सभी की उपस्थिति रही। माताओं के द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रेरक प्रसंग और प्रेरणा गीत का गायन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य को जिला नॉडल के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई एवं 9 काउंटरों की गतिविधियों के बारे मे जानकारी प्रदान की गई।

माताओं को प्रेरित करना और कोरोना काल में जो बच्चों की गुणवत्ता निम्न स्तर पर चली गई है।उसे माता की मदद से अपने घर में रहकर घरेलू सामग्री से कैसे उनके स्तर को बढ़ाया जा सकता है, इस उद्देश्य को लेकर अंगना म शिक्षा 2021 से लागू किया गया है। जो कि अभी तक चल रहा है। यह उसका तीसरा चरण है। जिसमें मेला का आयोजन किया जाता है।

वर्तमान में प्रदेश स्तर पर 25 अप्रैल को पढ़ाई तिहार का आयोजन कर मेला आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न प्रकार के सब्जी, फूल पत्ते, घरेलू वस्तुओं, दाल, चावल, गेहूं, विभिन्न प्रकार के अनाज फल फूल को काउंटर में क्रम से सजाया गया था। उसी क्रम से माता अपने बच्चों का आकलन करती गई। बच्चे उन्हें पहचानते हैं या नहीं। उनके स्वाद को जानते हैं या नहीं। जोड़ना ,घटाना, गिनती अभिव्यक्ति ज्ञान, कौशल है या नहीं ? इसका आकलन माताओं द्वारा किया गया। जहां कमी होगी वहां बच्चों को घर पर माताएं आगे सिखाएंगे।
मां अपने बच्चों का ग्रीष्मकाल में अच्छी आदतों का विकास करेंगे।

स्मार्ट माता चुनने का मतलब यह है कि जो माता अपने घर में बच्चे को अच्छे से पढ़ाएंगे, उन्हें यह दर्जा दिया जाएगा। वहीं स्मार्ट माता गांव में रहने वाले आस-पड़ोस के अन्य माताओं को भी प्रेरित करेंगे। इससे महिलाएं भी जागरूक होंगी, बच्चों में शिक्षा गुणवत्ता का भी विकास होगा। बच्चों में संस्कार आएगा।

इस प्रकार माताओं द्वारा अपने बच्चों का सपोर्ट कार्ड को प्रत्यक्ष रूप से देखकर भरा गया।
एवं घर पर शिखाने का कार्य जारी रहेगा।।।
(घर-घर म हमन दीदी लईका ला पढाबो।।
अंगना म शिक्षा के जोत जलाबो)।।

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