LOKASAR BDLOD/ DHAMTARI
अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ को शिक्षकों द्वारा संघ को अवगत कराया गया है कि संयुक्त संचालक, बिलासपुर द्वारा सहायक शिक्षक से शिक्षक तथा प्राथमिक शाला एवं शिक्षक से प्रधान पाठक, माध्यमिक शाला के पद पर पदोन्नति हेतु काउंसलिंग आयोजन किया गया था। काउंसलिंग के समय नोटिस बोर्ड पर स्कूल का नाम रिक्त लिखा हुआ था, किंतु कम्प्यूटर में वही स्कूल का नाम दिखाई नहीं दे रहा था यानी विलोपित कर दिया गया था और बताया जा रहा था कि जो अभी प्रमोशन नहीं चाह रहे हैं और वे यदि आगे प्रमोशन लेना चाहते हैं तो ऐसे शिक्षक सहमति दे दें, नहीं तो आगे प्रमोशन नहीं होगा । इसी असमंजस में कई शिक्षक ऐसे थे, जो बुजुर्ग, बीमार, सेवानिवृत्ति के करीब महिला और पारिवारिक परिस्थिति एवं स्कूल काफी दूर होने के कारण प्रमोशन नहीं लेने हेतु सहमति दे दिए हैं। जिस स्कूल का नाम विलोपित कर दिया गया था। यह विलोपित स्कूल रोड के किनारे, तहसील, ब्लॉक के किनारे हैं। इन स्कूलों में अभी भी पद रिक्त है । समाचारों में प्रकाशित “शिक्षकों की पदोन्नति में करोड़ों का भ्रष्टाचार” से स्पष्ट होता है कि काउंसलिंग करने वालों के द्वारा सीधे-साधे, सरल स्वभाव और रूचि नहीं रखने वाले शिक्षकों को गुमराह किया गया है ।
संघ के प्रांताध्यक्ष आर.एन.ध्रुव द्वारा भूपेश बघेल मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, मोहन मरकाम मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन,आदिम जाति कल्याण विभाग, मुख्य सचिव,छत्तीसगढ़ शासन, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग, रायपुर, सचिव छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, आयुक्त/ संचालक आदिम जाति कल्याण विभाग को पत्र लिखकर काउंसलिंग करने वालों द्वारा गुमराह किये जाने के कारण प्रमोशन नहीं लेने हेतु सहमति देने के कारण प्रमोशन से वंचित शिक्षकों को प्रमोशन का अवसर प्रदान करने का निवेदन किए हैं ।