डॉक्टर साहसी को छत्तीसगढ़ शिक्षा रत्न मिलने पर ग्राम पंचायत किल्लेकोडा तथा कलार (डढ़सेना) समाज के द्वारा मोमेंटो, शाल व श्री फल भेंटकर सम्मानित किया
LOK ASAR BALOD/ DOUNDI LOHARA
वनांचल क्षेत्र में स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल किल्लेकोडा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला तथा शासकीय प्राथमिक शाला किल्लेकोडा के तत्वाधान में संयुक्त रूप से गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में अजय मुखर्जी प्राचार्य ने शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में एन.आर. शिवना ने तथा शासकीय प्राथमिक शाला में अनीता मेश्राम ने धव्जारोहण किया ।

तत्पश्चात छात्र -छात्राओं की टोली विभिन्न चौक- चौराहों से होते हुए ,बैंड बाजा के धुन में, नारा लगाते हुए ध्वजारोहण संपन्न करते आगे बढ़ते गए।
जिनमें सर्वप्रथम ग्राम पंचायत भवन में जहां पर श्रीमती ललिता गांवरे सरपंच मैडम के द्वारा ध्वजारोहण किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में श्रीमती साहू ने चौपाल चौक में छन्नू भंडारी ने, गांधी चौक में राजाराम तारम जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 20 ने ध्वजारोहण किया । इसके बाद छात्र- छात्राओं की टोली वापस शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पहुंचकर सभा के रूप में तब्दील हो गई।
उक्त समारोह के मुख्य अतिथि श्रीमती ललिता गांवरे सरपंच थी, अध्यक्षता के. आर. पिस्दा पूर्व कलेक्टर ने किया। विशेष अतिथि के रूप में राजाराम तारम पूर्व शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष, विरेंद्र कुल्हार्य शाला प्रबंधन समिति सदस्य, अजय मुखर्जी प्राचार्य, श्रीमती गुलाबबाई शर्मा सदस्य ,श्रीमती उत्तरा बाई सदस्य ,गैंद लाल तारम सदस्य, श्रीमती रामेश्वरी देवी सदस्य ,श्रीमती किरण कोलियरा, श्रीमती रुक्मणी सिन्हा, निर्भय भंडारी सदस्य, छन्नू लाल भंडारी सदस्य, मन्नू लाल विश्वकर्मा, योधन लाल कोलियारा ,अशोक सिन्हा अधनसिन्हा, एन.आर.शिवना माध्यमिक शाला प्रधान पाठक ,श्रीमती अनीता मेश्राम प्राथमिक शाला प्रधान पाठक ,वाय. एस. मरकाम वरिष्ठ व्याख्याता आदि थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी तथा भारत माता के तैल चित्र के पूजन अर्चना के साथ हुआ। अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान पिस्दा ने कहा कि- वीर शहीदों के कार्यों को जीवन में उतार कर हम अपने मंजिल तक आसानी से पहुंच सकते हैं तथा संविधान का निर्माण किन परिस्थितियों हुआ के संबंध में विचार प्रकट किया । मुखर्जी ने कहा कि- डॉ भीमराव अंबेडकर की ने संविधान निर्माण के के कार्यों को जिस प्रकार से संपादित किया उनमें जो उसकी मुख्य भूमिका रही है ,उसे भुलाया नहीं जा सकता । तथा उन्होंने बताया कि इस संविधान निर्माण में लगभग दो वर्षों से अधिक का समय लगा है के संबंध में विचार व्यक्त किया। सिवना ने कहा कि – कोरोना महामारी के बाद आज लंबे अंतराल के बाद बड़ी धूमधाम से गणतंत्र दिवस का आयोजन हमारे किल्लेकोड़ा ग्राम में संपन्न हुआ है तथा आगे उन्होंने कहा कि -हमारे विद्यालय जिसका जीर्णोद्धार हो रहा है, उसे जल्द से जल्द पूरा करने संबंधी विचार व्यक्त किया। ताकि छात्र-छात्राएं आराम से पढ़ लिख सके।
उक्त कार्यक्रम का सफल संचालन व संपादन डॉक्टर बी .एल. साहसी व्याख्याता ने किया उन्होंने संचालन के दौरान कहा कि- हमारा संविधान विश्व के 10 देशों अर्थात 10 देशों के स्रोतों से बना संविधान है। हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। इस अवसर पर


डॉक्टर साहसी को छत्तीसगढ़ शिक्षा रत्न मिलने पर ग्राम पंचायत किल्लेकोडा तथा कलार (डढ़सेना) समाज के द्वारा मोमेंटो, शाल व श्री फल भेंटकर सम्मानित किया गया और साथ में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से पढ़कर शासकीय संस्था में कार्यरत लगभग 32 कर्मचारियों का संघ द्वारा पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को मोमेंटो प्रदान कर सम्मान किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यालय की छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया । कुमारी यशस्वी शर्मा द्वारा हिंदी में सुमधुर भाषण ,कुमारी मीनाक्षी और कुमारी कशिश द्वारा अंग्रेजी में भाषण प्रस्तुत किया गया जो बहुत ही लाजवाब रहा।
संस्कृतिक कार्यक्रम में मोर छत्तीसगढ़ महतारी, टुकनी धर के आबे ,सुवा गीत- तरी हरी नाना ,धरती पुकारती आदि नित्य आकर्षण का केंद्र रहा है इनमें प्रमुख भूमिका काजल ,दिव्यांशी, अरुणा, प्रवीणा,स्वाती, निधि, मोनिका, दिव्या ,भाविका, तुलसी, यमुना , पूजा, मीनाक्षी ,इशा ,कुनिता, रितु, दामिनी ,भूमिका आदि की रही है। जिसे उपस्थिति श्रोताओं ने खूब सराहा ,और खूब लुप्त उठाया है।
आभार प्रदर्शन में श्रीमती मेश्राम प्राथमिक प्रधान पाठक ने किया। समस्त स्टाफ उपस्थित थे जिनमें सर्वप्रथम-सी. जी. पटेल व्याख्याता, जे.पी. बांधव व्याख्याता, हेमेंद्र साहू व्याख्याता, घनश्याम पटेल व्याख्याता, खिलावन उर्वशा, श्रीमती टी .ठाकुर मैडम ,प्रवीण मानिकपुरी, श्रीमती अनामिका गोयल, कुल्हार्य सर ,ललित देवहारी ,श्रवण यादव, खगेश ठाकुर तथा कुशल देवदास उपस्थित थे।
