लोक असर समाचार भानुप्रतापपुर
पीएमटी छात्रावास में संयुक्त छात्रावास दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में जिले भर के आश्रम, छात्रावास दिवस में छात्र- छात्राएं शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक सावित्री मंडावी ने कहा संयुक्त छात्रावास दिवस की बधाई देते हुए कहा गांव से निकलकर छात्रावास में रहकर अध्ययन करना सौभाग्य की बात है। यहां रहकर पढ़ाई करने से अलग अलग गांव के बच्चे होते है उनमें अलग प्रतिभा होती है उसे एक दूसरे से सीख सकते है। यहां अनुशासन भी सीखते हैं। आप सभी बच्चे अपनी पढ़ाई को विशेष रूप से करे और अपने माता पिता का जो भी सपना है उसे पूरा करे। छात्रावासों कई सुविधाएं उपलब्ध होती है। अपना लक्ष्य बनाकर उसे पूरा करने में लगे रहे। छात्रावास, आश्रमों में कई समस्याओं की जानकारी मिली है उसे दूर कराए जाने का आश्वसान दी। अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव ने कहा छात्रावास रहकर पढ़ाई करने का मौका सभी को नहीं मिलता है, आप सब यहाँ रहकर पढ़ाई कर रहे है, अच्छे से पढ़ाई करें। कार्यक्रम को बीरेश ठाकुर व अन्य अतिथियों ने भी संबोधित किया। छात्रावास दिवस में जिले के कांकेर, दुर्गुकोंदल, भानुप्रतापपुर, कोयलीबेड़ा, अंतागढ़ जैसे अंदरूनी गांवों के छात्रावास, आश्रम के बच्चे शामिल हुए इसमे प्रमुख रूप से प्राचार्य डॉ रश्मि सिंह, बीईओ सदे सिंह कोमरे, ललित नरेटी, आरके दरों, सुनील पाढ़ी, सुनाराम तेता, श्रीदाम ढाली सहित छात्रावास के पदाधिकारी, अधीक्षक आदि उपस्थित थे।
संयुक्त छात्रावास दिवस में विभिन्न छात्रावास, आश्रम के बच्चों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान आने वाले छात्रावास, आश्रम के बच्चों को सम्मानित किया गया।
एकल नृत्य बालक में प्रथम बालक आश्रम कुतुल, बालिका में प्रथम कन्या आश्रम बांसला, द्वितीय कन्या छात्रावास भानुप्रतापपुर, तृतीय एकलव्य कन्या छात्रावास भानुप्रतापपुर, युगल बालक में प्रथम बालक छात्रावास हाटकर्रा, द्वितीय सामान्य बालक छात्रावास भानुप्रतापपुर, तृतीय बालक छात्रावास भानुप्रतापपुर, युगल बालिका में प्रथम कन्या आश्रम कुडाल, द्वितीय एकलव्य कन्या छात्रावास भानुप्रतापपुर, तृतीय कन्या छात्रावास भानुप्रतापपुर, सामुहिक नृत्य बालक बालक छात्रावास छोटेबेटिया, द्वितीय बालक छात्रावास संबलपुर, तृतीय बालक छात्रावास भानबेड़ा रहे। सामुहिक नृत्य बालिका में प्रथम कन्या छात्रावास संबलपुर, द्वितीय कन्या छात्रावास भीरागांव, तृतीय कन्या छात्रावास कौडों साल्हेभाट थे।
