(दंतेवाड़ा से उमा शंकर की रिपोर्ट)
लोक असर समाचार दंतेवाड़ा
इन दिनों लगता है दंतेवाड़ा जिले के हरे भरे जंगलों को किसी की बुरी नजर लग गई है, जिसका परिणाम हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई धड़ल्ले से जारी है। यहां पर चोरी छुपे आए दिन वनों के हरे भरे पेड़ों को चिन्हित करके काटा जा रहा है। वन्यप्राणियों के आशियानों को मात्र अपने निजी स्वार्थ के चलते उजाड़ा जा रहा है।

चित्र में दिख रहा भूमिगत पड़े विशाल पेड़ के काटे गए अंश । यह वाक्या है दंतेवाड़ा कटेकलयाण सड़क मार्ग पर स्थित वनोपज नाका से ठीक एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर ।
सूत्रों की माने तो दंतेवाड़ा वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी होती है किन्तु उनकी मिली भगत के चलते मुख्य मार्ग के समीप वृक्षों की कटाई हो रही है इससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अंदरूनी इलाकों में वनों की स्थिति क्या होगी!
जिला दंतेवाड़ा के कटेकल्याण सड़क मार्ग पर ग्राम बालोद के ठीक पहले काटे गए पेड़ का यह अवशेष मिला है और यह अब भी उसी तरह पड़ी हुई है जिसे आप चित्र में देख और समझ सकते है। दंतेवाड़ा वन विभाग की विशेष टीम इसकी संज्ञान कब और कैसे लेता है या लेता भी है कि नहीं या सिर्फ मूकदर्शक बनी रहती है। देखने वाली बात होगी ।
