कुआकोंडा जैसे दुर्गम एवं संवेदनशील क्षेत्र होने में बनने लगा प्रधानमंत्री आवास

(दंतेवाड़ा से हमारे संवाददाता उमा शंकर की रिपोर्ट)

लोक असर समाचार दंतेवाड़ा

रोटी कपड़ा और मकान प्रत्येक व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकताओं में शामिल होती है। इनमें मकान मात्र ईंट-पत्थर का एक ढांचा नहीं होता बल्कि यह किसी भी व्यक्ति के लिए एक सूकुन एवं सुरक्षा से जीवन जीने की शैली का प्रतीक होता है। इस क्रम में ग्राम पंचायत कुआकोंडा में भी ग्रामीणों को भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान उपलब्ध कराकर उनके सपनों को साकार किया गया है, इन ग्रामीणों के चेहरे की चमक बताती है कि पक्का मकान निमार्ण जैसा बड़ा काम शासन की मदद से आसानी से पूरा हो गया। कुआकोंडा के ही निवासी गोवर्धन भी लाभार्थियों में से एक हैं। ऐसे तो गोवर्धन भी पूर्णतः मजदूरी कर अपना गुजर बसर करते है।

जाहिर है कच्चे मकान में रहने वाले गोवर्धन के लिए पक्के आवास की कल्पना हमेशा दूर की कौड़ी रही है। उनके कहे अनुसार कच्चे मकान की अलग समस्याएं होती है। कभी कच्ची छत एवं कच्चे दीवार की वजह से वर्षा के दिनों में हमेशा मकान ढहने का डर लगा रहता था। साथ ही पानी टपकने की समस्या एवं विषैले जीव जन्तु का खतरे से भी हमेशा दो-चार होना पड़ता था। इसके अलावा कच्चे घर की मरम्मत हर साल करनी पड़ती थी, परन्तु पंचायत के माध्यम से प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत उसका पक्का मकान बन जाने से उसके जीवन में अब निश्चिन्तता आ गयी है और वह अपने तीन सदस्यीय परिवार के साथ एक सुखमय जीवन व्यतीत कर रहा है। आवास योजना के तहत उसे 1.30 लाख रूपये का अनुदान प्राप्त हुआ।

ग्राम पंचायत कुआकोंडा हमेशा से दुर्गम एवं संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में आवास निमार्ण सामग्री निमार्ण स्थल तक पहुंचने में कठिनाई होती है, साथ ही सामग्री परिवहन में भी अधिक व्यय लगता है। इसके बावजूद प्रधान मंत्री आवास योजना का सफल क्रियान्वयन यहां हुआ है और गोवर्धन जैसे अनेक हितग्राही आज पक्की छत के नीचे निवासरत होकर शासन को धन्यवाद देते है।

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