लोक असर समाचार बालोद
विश्व में बढ़ते तापमान और गिरते जल स्तर पर चिंतित गोंडवाना समाज ब्लाक डौंडी जिला बालोद छ ग द्वारा जून माह में होने वाली विश्व पर्यावरण दिवस एवं बिरसा मुंडा पुण्यतिथि के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण की उद्देश्य से तीन दिवसीय सांस्कृतिक एवं सांवैधानिक जनजागरण कार्यशाला प्रशिक्षण दिनांक 10 11 एवं 12 जून 2024 को आयोजित नार्र बेलोदा डौडी में किया गया।
प्रशिक्षण में लगभग 600 लया लयोर (युवा युक्तियां) उपस्थित हुए, जिसमें गांव एवं समाज में विद्यमान रूढ़िगत पारंपरिक व्यवस्था (नियम दस्तुर)जैसे नार्र (गांव ) व्यवस्था, संस्कार टोंडा, मंडा, कुंडा (छठ्ठी , शादी, मरनी), पंडूम (पर्व) की महत्व अपने रुढ़ी व प्रथाओं के माध्यम से आजिविका के किसी भी कार्यकलाप से प्रबंधन को प्रकृति के साथ जुड़ना और जीव जंतु , पेड़ पौधे , वनस्पति संरक्षण के प्रति विज्ञान सम्मत विचारों से पर्यावरण संरक्षण की महत्व के बारे में जानकारी दी गई ।
इसके साथ ही जनजाति समुदाय तथा गांव व क्षेत्र को प्रकृति सम्मत रुढ़ी व प्रथाओं से शासित होने बताया गया , जिसे स्वतंत्र भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था संविधान द्वारा प्रदत्त विषेष प्रावधान में 5वीं अनुसूची ,पेसा अधिनियम 1996, भु राजस्व संहिता 1959 , पंचायत राज अधिनियम 1993की भूमिका तथा उनके प्रकृति संसाधन जल जंगल जमीन की संरक्षण व मालीकाना हक हेतु वन अधिकार मान्यता कानून 2006 को सुरक्षा कवच के रूप बताया गया ।
जिसके लिए समुदाय को अपने प्राकृतिक संसाधन, सांस्कृतिक पहचान को बचाएं एवं बनाए रखने व समुदाय को एकता और संगठित रहने की आवश्यकता प्रशिक्षकों द्वारा दी गई ।
प्रशिक्षक के रुप में कोया बुमकाल क्रांति सेना (केबीकेएस) छत्तीसगढ़ के अश्विनी कांगै (5वीं अनुसूची, में पेसा अधिनियम ,भु राजस्व संहिता)
खोरबाहरा मंडावी (वन अधिकार मान्यता कानून ), दिनेश गावड़े नार्र ( गांव) व्यवस्था, नरेंद्र टेकाम पंडूम (पर्व), नरेंद्र नेताम( संस्कार )
श्रीमती किरण नुरुटी पेन ( देव) व्यवस्था का
आयोजन गोंडवाना समाज ब्लाक डौंडी जिला बालोद द्वारा किया गया।
अध्यक्ष आत्माराम कौड़ो, संरक्षक भोला राम नेताम, गंगा राम दर्रों , मोहन हिड़को, तुलसी मरकाम ,केबीकेएस साथी धन्नु नुरुटी, दिनदयाल गावड़े, सुनिल कोरेटी , देव केराम, तुलेश्वर हिचामी, रोहित नेताम , भीष्म पितामाह कुंजाम, रेनुका कचलाम, डिंपल उईके सहित समस्त साथी गण एवं 17 सर्कल मुड़ा क्षेत्रों के पदाधिकारी समाज प्रमुख महिला पुरुष भी हजारों की संख्या में उपस्थित हुए थे।