(दंतेवाड़ा से हमारे संवाददाता उमा शंकर एवं विनीता देशमुख की रिपोर्ट)
(लोक असर समाचार दंतेवाड़ा)
दंतेवाड़ा ब्लॉक के मटेनार ग्राम पंचायत का एक ऐसा आंगनबाड़ी केंद्र है बोदेलपारा। जिसे सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र का दर्जा प्राप्त है । वह गुमनामी के अंधेरे में आज भी डूबा हुआ है । जबकि उक्त आंगनबाड़ी केंद्र को तमाम सुविधाएं देकर सक्षम बनाने की कवायद जारी है।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पोषण मिशन के प्रमुख लक्ष्यों में से एक सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत कुपोषण के अभिशाप को हमेशा-हमेशा के लिए मिटाने हेतु स्वास्थ्य, पोषण और प्रतिरोधक क्षमता पर निरंतर अभ्यास विकसित किया जाना है।


अक्षमता की दास्तां बयां कर रही है आंगनबाड़ी केंद्र
इन तीन घटकों को पुनर्गठित करने की दिशा में किशोरी बालिकाओं हेतु पोषण सहायता, स्कूल पूर्व शिक्षा एवं देखभाल ( 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए ) व आधुनिक उत्क्रमित सक्षम आंगनबाड़ी सहित आंगनबाड़ी की आधारभूत संरचना को मजबूत किया जाना भी शामिल है, परन्तु जिला दंतेवाड़ा के ग्राम पंचायत मटेनार का यह सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र की दास्तां बयां कर रही है कि महिला बाल विभाग के अधिकारी इस योजना से केंद्र को सक्षम बनाने के बजाय स्वयं को सक्षम बनाने में लगे हुए हैं।




किसी भी कोने से गुणवत्ता की उस दिशा-निर्देश का पालन करता नहीं दिख रहा है और इसका कारण महिला बाल विकास के क्रमशः अधिकारी गण ही बता सकते हैं । बता दें कि सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र का भवन केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के दिशा निर्देश अनुसार बनी दिखती जरूर है पर भवन के भीतर व्यवस्था के नाम पर शून्य है ।

डिजिटल टीवी आज भी कवर से उतर नहीं सकी
यह भी चकित करने वाली बात है कि डिजिटल टीवी की व्यवस्था भी है। जिनके सहयोग से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को खेल-खेल में स्कूली पूर्व शिक्षा और उनके बाल विकास के ज्ञान के भंडारण को अतिरिक्त बल प्रदान करने के उद्देश्य से भूमिका निभाती है और यह उनके सेवा क्षेत्र का आमुख अंग भी है पर वह खास डिजिटल टीवी आज भी कवर से नही उतर सकने के कारण केंद्र के लाभार्थी बच्चें इसके लाभ लेने से प्रारंभ से वंचित हैं ।

10 वर्षों में नहीं मिली बिजली
कमरे में बिजली से जुड़ी व्यवस्थाओ की अगर बात करें तो वायरिंग हुई पड़ी है, पंखे ,लाइटे भी लगी हुई हैं पर बिजली नहीं है । ग्रामीण बताते है कि व्यवस्था प्रारंभ से ही नदारत होने की वजह से यह सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र अपनी असक्षमता की दंश से पीड़ित पिछले 10 वर्षों से अंधेरे में संचालित होने को आज भी मजबूर है।
निर्धारित समय पर किसी की उपस्थिति नहीं मिली
लोक असर की टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र की ग्रामीणों के कहने पर निरीक्षण के उद्देश्य से पहुंची तो इस आंगनबाड़ी के पूरे परिवेश को देख दंग रह गए । उस वक्त वहां आंगनबाड़ी केंद्र को साफ करते हुए एक गांव की बुजुर्ग महिला नजर आई । आंगनवाड़ी केन्द्र खुलने के निर्धारित समय के कई घंटों बाद तलक सहायिका ना कार्यकर्ता दिखी, ना बच्चे और ना ही हितग्राही बालिकाएं ,महिलाएं नजर आई। गांव वालों से पूछने पर भारी बारिश की वजह बताई गई।
कमरे में जल भराव की स्थिति थी
आंगनबाड़ी के इस केंद्र में बच्चे के बैठने और वाले खेलने वाले कमरे में जल भराव की स्थिति थी, छत से लगातार टपकती बारिश की बूंदे थी, भवन के हर कमरे के दीवारों में रिसता हुआ पानी, पूरे भवन के कमरे और दीवारों पर जल का भारी रिसाव। दीवार पर लगी LED टीवी भी इस रिसाव से बच नही पाया है ।
भवन में बिजली का संचालन लगभग विगत 10 वर्षो से नहीं होने के कारण बारिश में ग्रामीण हितग्राही सुरक्षित हैं वरना आप अंदाजा लगा ही सकते हो की नन्हे बच्चों के साथ-साथ बाकी हितग्राही किशोरियों एवं महिलाओं के साथ एक बड़ी जानलेवा दुर्घटना की पूरी पूरी संभावना बन जाती।
गांव के मंगलू भास्कर और श्यामलाल नाग बताते हैं कि कई बार सरपंच सचिव द्वारा इसकी सूचना दिए जाने के बावजूद विभाग आंख मूंदे बैठा है। यूं मानिए कि भगवान भरोसे अंदरूनी क्षेत्र का यह असक्षम आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि रीना गावडे और चन्नी भास्कर इस आंगनवाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता और सहायिका है । उनकी अनुपस्थिति हमें आंगनबाड़ी के इस केंद्र में लाभ ले रहे गांव के बच्चों के साथ-साथ किशोरियों और महिलाओं की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है ।
जिला दंतेवाड़ा से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है यह आंगनबाड़ी केंद्र मटेनार ग्राम पंचायत के मुख्य सड़क से आपको कच्चीनुमा रास्ते लगभग ढाई किलोमीटर पैदल चलना होता है बोदेलपारा पहुंचने के लिए।
