लहर गंगा लोक कला मंच ने बिरसा मुंडा के संघर्ष की कहानी का छत्तीसगढ़ी में नाट्य रूपांतरण कर दी प्रस्तुति

सांसद मंडावी ने हिंदी,छत्तीसगढ़ी व बस्तर की संस्कृति पर आधारित विभिन्न लोकगीत गाए

  (पोर्टल वेब न्यूज़ लोक असर के लिए प्रोफेo.के.मुरारी दास की खास रिपोर्ट)

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लोक असर समाचार बालोद/गुरुर

तहसील गुरुर मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर लोक कला मंच लहर गंगा परिवार द्वारा हिंदी नाटक झारखंड के वीर सपूत बिरसा मुंडा के संघर्ष की कहानी का छत्तीसगढ़ी में नाट्य रूपांतर लहर गंगा लोक कला मंच के संस्थापक एवं कला साधक पुराणिक साहू द्वारा किया गया. इस नाटक की परिकल्पना, प्रस्तुति व निर्माण संगीत निर्देशन तथा पार्श्व उद्घोषणा पुराणिक साहू का था। लगभग 30 मिनट की नाट्य प्रस्तुति की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। बिरसा मुंडा की भूमिका में बाबू साहू खूब जमे वही बिरसा के पिता की भूमिका में नीलेश पटेल व बिरसा के माता की भूमिका में राखी पटेल रही। इसी प्रकार मालगुजार के रूप में लोकेश यादव व मुनीम के रूप में दिलीप यादव की भूमिका भी सराहनीय रही। आदिवासी महिलाओं की भूमिका में कीर्ति भूआर्य, कु. झरना, लक्ष्मी शिवारे की थी। सहयोगी कलाकार के रूप में रमेश निषाद, रितिक साहू ,वीरेंद्र साहू , विकास साहू व विश्वास देवेंद्र तथा संगीत पक्ष में भोलाराम और चमन देवदास, सोनू सेन पेमेंद्र भूआर्य की भूमिका भी जान डाल दिया।पार्शव गायन पक्ष में सावित्री साहू व लक्ष्मी शिवारे दर्शकों को रिझाने में सफल रहे.


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी ने उपस्थित होकर छत्तीसगढ़ी व बस्तर संस्कृति पर आधारित अनेक लोकगीत की सस्वर प्रस्तुति दी . सांसद प्रतिनिधि डॉ हरे कृष्ण जंजीर ने अध्यक्षता की. कार्यक्रम के पूर्व में लहर गंगा सांस्कृतिक मंच के समस्त कलाकारों ने अतिथियों व आगंतुकों का स्वागत किया
उल्लेखनीय है कि लोक कला मंच लहर गंगा परिवार द्वारा आयोजित 12 दिवसीय सांस्कृतिक कार्य शाला के अंतिम दिवस पर 9 जून 2022 को लोक कला ग्राम धनेली में झारखंड के वीर सपूत बिरसा मुंडा के संघर्ष की कहानी का छत्तीसगढ़ी में नाट्य रूपांतर एवं लोक नृत्य गीत संगीत की प्रस्तुति एवं पुराणिक साहू द्वारा संचालन और आभार के साथ कार्यक्रम संपन्न हुई.

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