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मोक्ष धाम सेवा संस्थान ग्राम लिमोरा में निर्माणाधीन 64 योगिनी माता मंदिर के लिए संस्थान के लोग 64 गांवों में भिक्षा मांगेंगे। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। इसकी रूपरेखा बना ली गई है। संस्थान के प्रमुख नाड़ी वैद्य बीरेंद्र देशमुख स्वयं गांव गांव में पहुंचकर मंदिर के लिए भिक्षा मांगेंगे।
प्रेस वार्ता में इस मंदिर की खासियत बताया कि यहां कोई भी दान पेटी नहीं रहेगी। जिन श्रद्धालुओं को सहयोग करना होगा वे यहां अनवरत चलने वाले भोजन भंडारा में या मंदिर निर्माण में दे सकते हैं। इसके अलावा संस्थान द्वारा अमृत आश्रय, मुक बधिर आश्रय, मेंटल हॉस्पिटल, इंटरनेशनल गुरुकुल भी संचालित होगा।
मोक्षधाम सेवा संस्थान ग्राम लिमोरा के प्रमुख बिरेंद्र देशमुख ने बताया कि लिमोरा में छत्तीसगढ़ के प्रथम चौसठ योगिनी माता मंदिर बनने जा रहा है। जो संभवतः भारत का पहला मंदिर होगा, जहां दान पेटी नहीं रहेगी। भगवान देता है लेता नहीं है, इस मंदिर के लिए भिक्षा मांगी जाएगी जिससे मंदिर में सभी का अंश लगेगा। इसके अलावा संस्था द्वारा जिले में मेंटल हॉस्पिटल भी बनाया जाएगा। जो माताएं बहने विक्षिप्त अवस्था में इधर-उधर घूमते रहते हैं उसे हमारी टीम द्वारा लाकर उसका इलाज करा कर उसे सुरक्षित उनके घर पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा अमृत आश्रय भी बनाया जाएगा। मुक बधिर आश्रम भी खुलेगा, इंटरनेशनल गुरुकुल भी यहां बनाया जाएगा जहां उर्दू भाषा को छोड़कर सभी भाषाओं में पढ़ाई कराई जाएगी। इस तरह के निर्माण पूरे छत्तीसगढ़ में कहीं पर भी नहीं है।
पत्रकार वार्ता में अध्यक्ष दर्शन जैन गुण्डरदेही, मदन निषाद गुण्डरदेही, कोषाध्यक्ष शिवेंद्र साहू राजनांदगांव, सचिव कुलेश्वर साहू गुण्डरदेही, सदस्य निजानंद चंद्राकर, सदस्य चिंताराम चंद्राकर लिमोरा, सदस्य नीलकंठ पटेल, ग्राम विकास समिति अध्यक्ष शिवेंद्र कुमार साहू लिमोरा, ग्राम विकास समिति उपाध्यक्ष विनोद कुमार चंद्राकर आदि मौजूद रहे।
आध्यात्मिक दृष्टि से आपूरित होगा मंदिर
संस्था के संस्थापक वैद्य बिरेंद्र देशमुख ने बताया कि मंदिर को वास्तु दृष्टिकोण से ऐसा बनाया जा रहा है कि जो भी व्यक्ति यहां आएगा उसे अपने आप ऊर्जा मिलने की अनुभूति होगी। यहां पर सभी तरह की सुविधाएं होगी। मंदिर में कोई भी श्रद्धालु जाकर आराम से दर्शन कर सकते हैं। यहां कोई वीआईपी कल्चर नहीं होगा। इसके पीछे का कारण बताते हैं कि भगवान श्रद्धालुओं को बुलाता है और जब जब जिस किसी को वे बुलाते हैं वही व्यक्ति मंदिर तक पहुंच पाता है। ऐसे में वीआईपी कल्चर हम यहां नहीं रखेंगे।
तक़रीबन दो से ढाई साल की अवधि होगा पूर्ण
पत्रकार वार्ता में वैद्य वीरेंद्र देशमुख ने बताया कि मंदिर का निर्माण बहुत तेज गति से किया जा रहा है, तीन माह हुए प्रारंभ और बहुत सारा बन चुका है अधिक से अधिक दो से ढाई वर्ष में यह मंदिर बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा इसका कारण है कि दानदाता अब सामने आने लगे हैं और भिक्षाटन का कार्य भी हम शीघ्र प्रारंभ करने वाले हैं ऐसे में नहीं लगता कि इस मंदिर को पूरा करने में ज्यादा वक्त लगेगा।
निर्माण ओडिशा व आंध्र प्रदेश की कारीगरों के संरक्षण
वैद्य बिरेंद्र देशमुख ने जानकारी दी की मंदिर का निर्माण उड़ीसा और आंध्र के कारीगरों की देखरेख में बन रहा है मंदिर को नक्काशी युक्त बनाया जाएगा ताकि दूर से ही मंदिर खूबसूरत दिखाई दे लगभग 8000 स्क्वायर फीट में या मंदिर बनेगा हालांकि मंदिर परिसर सभा एकड़ का है लेकिन मंदिर का निर्माण 8000 स्क्वायर फीट में ही होगा मंदिर को भव्य बनाने की कोशिश की जा रही है।
श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की भी व्यवस्था होगी
वैद्य बिरेंद्र देशमुख ने बताया कि मंदिर निर्माण के बाद यहां पर प्रतिदिन अनवरत भंडारा चलता रहेगा। जब भी श्रद्धालु जिस समय भी यहां पहुंचेंगे उन्हें भंडारे में भोजन उपलब्ध मिलेगा। यही नहीं यहां दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की भी व्यवस्था होगी। गुरुदेव ने आगे बताया कि जिले के किसी भी स्थल पर मेंटल हॉस्पिटल बनाएंगे, जहां विक्षिप्त अवस्था में घूम रहे लोगों को हमारे समिति के लोग ऐसे लोगों को लेकर के आएंगे और पूर्ण इलाज के बाद उन्हें उनके परिवार को सौंप देंगे। संस्था द्वारा अमृत आश्रम व मुखबधिर आश्रय भी बनाया जाएगा। जहां ऐसी पीड़ितों को लाकर रखेंगे और उसकी संपूर्ण इलाज करेंगे।
काली माता, कामधेनु व 64 योगिनी माता की मूर्ति होगी स्थापित
वैद्य बिरेंद्र देशमुख ने बताया कि इस मंदिर में काली माता व कामधेनु की मूर्ति भी लगाई जाएगी इसके अलावा मंदिर के चारों तरफ 64 योगिनी माता की मूर्ति भी रखी जाएगी। मंदिर की नक्काशी कुछ इस तरह की जा रही है कि यह दूर से ही स्पष्ट व आकर्षक दिखाई देगा। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत लिमोरा द्वारा पूर्ण सहयोग मिल रहा है।