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सल्हईटोला (डौंडी) रेल्वे स्टेशन में बैठक व्यवस्था एवं
पहुंच मार्ग में प्रकाश व्यवस्था का नितांत अभाव के कारण इस स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों को अनेक मुश्किलात का सामना करना पड़ता है। इस ओर स्थानीय जनसेवकों द्वारा भी कोई ठोस पहल नहीं करना क्षेत्र की समस्याओं के प्रति उनके उदासीन रवैया को उजागर करता है।
उल्लेखनीय है कि सल्हईटोला (डौंडी) रेल्वे स्टेशन अस्तित्व में आने के बाद से समस्याओं से घिरा हुआ है।
रेल्वे स्टेशन में बैठक व्यवस्था का अभाव
पूर्व में टिकट प्रबंधक की मांग पर स्टेशन परिसर में प्रकाश व्यवस्था बहाल की गई। लेकिन यात्रियों के बैठने रेल्वे द्वारा कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। बता दें कि इस स्टेशन से प्रतिदिन तकरीबन 80से100 यात्रियों का आना-जाना होता है। जिसके लिए महज़ दो कुर्सियां लगाई गई है।
पहुंच मार्ग कच्चा एवं प्रकाश विहीन
विदित है कि रेल्वे स्टेशन तक का मार्ग कच्चा है। डौंडी नगर से एवं सल्हईटोला गांव से स्टेशन की दूरी डेढ़/डेढ़ किलोमीटर की है। इस मार्ग से होकर कई गांव से लोग स्टेशन पहुंचते हैं। मार्ग के दोनों तरफ खेत लगे हुए हैं। बरसात में मार्ग में कीचड़ के साथ अंधेरे का साम्राज्य होता है। जिसके चलते कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।
इसे लेकर टिकट प्रबंधक भीषण चंद्राकर ने अविलंब रेल प्रशासन से पहुंच मार्ग में विद्युतिकरण की मांग की है साथ ही उन्होंने स्टेशन परिसर में एक शेड सहित यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सी की आवश्यकता की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया है।