हम अपना इतिहास लिखने में सदैव पीछे रहे : पूर्व आइएएस जी आर राणा

LOK ASAR DHAMTARI

आदिवासियों के जीवन काल को किसी कालखंड या समय विशेष में नहीं बांधा जा सकता क्योंकि इन्होंने अपना पूरा समय पानी के साथ, पेड़ पौधों के साथ, पहाड़ों के साथ हमारा आदिवासी वर्ग सदियों से बिताते आ रहा है .

देश के कौन -कौन से राज्य में इसकी कितनी संख्या है और इस बाबत आदिवासियों ने कभी भी सामने आकर अपनी संख्या बल और आंकड़ों के लिए प्रदर्शन नहीं किया यह हमारा दुर्भाग्य रहा है कि, हम अपना इतिहास लिखने में सदैव पीछे रहे उपरोक्त बातें अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व आइएएस जी आर राणा ने कहीं वे आदिवासी क्रांति वीर शहीद गैंद सिंह नायक के पुण्यतिथि पर धमतरी में आयोजित एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किया.

जिसका आयोजन समता साहित्य अकादमी के राज्य ईकाई ने किया इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में उनकी भूमिका को याद किया गया .

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में पद्मश्री वैद्य हेमचंद मांझी नारायणपुर, प्यारेलाल साहू जमशेदपुर, डॉ गोकुल बंजारे, शिक्षक बेमेतरा, तथा डॉ. भागेश्वर पात्रे थे.

कार्यक्रम में अनेक लोगों को सम्मानित किया गया इस अवसर पर गोकुल बंजारे संतोष साहू सोहनलाल साहू लक्ष्य कुमार बंदे वी सत्य प्रकाश मामला ने अपने रचनाएं है सुनाई . कार्यक्रम में 2025 के लिए नए पदाधिकारियों का चयन किया गया.

कार्यक्रम का संचालन अकादमी के राज्य अध्यक्ष जी आर ज्वाला ने किया अकादमी के संरक्षक सुशीला देवी वाल्मीकि प्रोफेसर के. मुरारी दास, प्रेम सिमोन सहित अनेक लोग उपस्थित थे.

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