एकीकृत नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र तथा समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक कार्यालय का कलेक्टर ने किया निरीक्षण

lok asar balod

कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने आज जिला मुख्यालय बालोद के रेलवे क्रांसिग के पास स्थित एकीकृत नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र का निरीक्षण कर वहाँ के व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में भर्ती हुए लोगों से बातचीत कर उन्हें नशा के दुष्प्रभावों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने नशापान को मनुष्य के अवनति का सबसे बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि नशापान से ग्रसित रहने वाले लोगों का व्यक्तिगत जीवन बर्बाद होने के साथ-साथ उनके पारिवारिक कलह का कारण बनने के अलावा समाज में भी इसका गंभीर दुष्परिणाम भी सामने आता है।

श्रीमती मिश्रा ने नशामुक्ति केंद्र में भर्ती लोगों को नशापान से दूर रहकर अपने एवं अपने परिवार के जीवन को सुखमय बनाने तथा राष्ट्र एवं समाज के विकास में अपने भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

इस दौरान अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक, समाज कल्याण विभाग के उप संचालक अजय गेडाम सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

इस मौके पर कलेक्टर ने नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती लोगों से भोजन, नाश्ता आदि के अलावा उनके लिए नशामुक्ति केन्द्र में मनोरंजन तथा इलाज आदि की सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने नशामुक्ति केन्द्र के प्रभारी से यहाँ भर्ती लोगों को नशापान से दूर रखने, उनकी समुचित इलाज तथा काउंसलिंग आदि नियमित रूप से कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने मरीजों को प्रतिदिन कराए जाने वाले योगाभ्यास आदि के संबंध में भी जानकारी ली। इस दौरान नशामुक्ति केन्द्र के भोजनालय एवं मनोरंजन कक्ष आदि का भी अवलोकन किया। उन्होंने भोजनालय कक्ष में पहुँचकर खाद्य सामग्री तथा मेन्यू आदि का अवलोकन कर निर्धारित मेन्यू के आधार पर गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदान करने के निर्देश दिए।

इस मौके पर कलेक्टर ने उपसंचालक समाज कल्याण विभाग के कार्यालय का भी निरीक्षण किया। इसके अंतर्गत उन्होंने कार्यालय परिसर में स्थित जिला निःशक्तजन पुनर्वास केन्द्र में कृत्रिम अंग निर्माण कक्ष, फीजियोथेरेपी कक्ष आदि का निरीक्षण कर वहाँ के व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। श्रीमती मिश्रा ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को कृत्रिम अंग निर्माण कक्ष में साफ-सफाई आदि की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने केे अलावा वहाँ निर्मित की जाने वाली सामग्रियों आदि को व्यवस्थित तरीके से रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होेंने कार्यालय परिसर में समुचित मात्रा में पौधरोपण कर इनकी देखभाल की पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने को कहा।

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