(लोक असर समाचार रायपुर)
चंद परिवहन अधिकारीयों व पुलिस विभाग के कर्मचारियों के शह के कारण ट्रक मालिक लोड मिलने से वँचित
“उफ्तत्सा” राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा – ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी, परिवहन क्षेत्र में कार्यरत ट्रक चालकों, सिंगल मोटर मालिकों, और स्वरोजगार से जुड़े लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। संगठन ने हाल ही में कृषि कार्यों के लिए सब्सिडी पर दिए गए ट्रैक्टरों के अवैध व्यावसायिक उपयोग, विशेष रूप से रेत, बजरी, चीनी, दाल, साबुन ,तेल, गेहूं, चावल और अन्य सामग्रियों की ढुलाई को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
मुख्यतः हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, ओड़िशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य्प्रदेश, उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों में सरकारी सब्सिडी व अन्य लाभ के तहत निकाले गए क़ृषि कार्य हेतु ट्रेक्टर से व्यवसायिक परिवहन सरकारी तंत्र के शह व फेलूअर के कारण आम बात है यह प्रेस नोट इस समस्या के तथ्यात्मक विवरण और संगठन की मांगों को रेखांकित करता है।
कृषि ट्रैक्टरों का व्यावसायिक दुरुपयोग: सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी और टोल टैक्स छूट, सिमित रोड़ टैक्स, कम दर पर बीमा व अन्य अवांछित सुविधाओं का लाभ उठाकर ट्रैक्टरों का उपयोग अवैध रूप से चंद परिवहन अधिकारीयों व पुलिस विभाग के कर्मचारियों के शह पर व्यावसायिक ढुलाई के लिए लगातार किया जा रहा है।
यमुनानगर, हरियाणा: यमुना नदी के किनारे अवैध रेत खनन में ट्रैक्टरों का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। स्थानीय प्रशासन ने हाल ही में 10 ट्रैक्टर जब्त किए, जो बिना परमिट के रेत और बजरी ढो रहे थे किन्तु कोई दृस्टिगोचर कार्रवाई नहीं हो पाई lयह गतिविधि न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि वैध ट्रक ट्रांसपोर्टरों के व्यवसाय को भी सीधे तौर पर प्रभावित करती है।
मेरठ, उत्तर प्रदेश: ट्रैक्टरों का उपयोग चीनी और दाल जैसी खाद्य सामग्रियों की अवैध ढुलाई और काले बाजार में बिक्री के लिए दर्ज किया गया है। 2024 में मेरठ पुलिस ने एक ट्रैक्टर से 50 बोरी चीनी जब्त की, जो स्थानीय गोदामों से अवैध रूप से ले जाई जा रही थी।
टोल टैक्स छूट का दुरुपयोग: कृषि कार्यों के लिए ट्रैक्टरों को टोल टैक्स से छूट प्राप्त है, जिसका गलत फायदा उठाया जा रहा है। टोल नाकों पर ट्रैक्टरों की जांच नहीं की जाती, जिससे अवैध सामग्रियों की ढुलाई आसान हो जाती है।
दिल्ली-हरियाणा सीमा: राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर ट्रैक्टरों द्वारा साबुन, गत्ते, प्लाई और अन्य उपभोक्ता सामग्रियों की ढुलाई की शिकायतें मिली हैं, जो टोल टैक्स बचाने के लिए की जा रही हैं। इससे टोल राजस्व को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
O आर्थिक प्रभाव: अवैध ढुलाई से वैध ट्रक ट्रांसपोर्टरों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है, क्योंकि ट्रैक्टरों का परिवहन लागत कम होने से व पांच से छः गुना ओवरलोड से ग्राहक उनकी ओर आकर्षित होते हैं।
O पर्यावरणीय क्षति: रेत और बजरी का अवैध खनन नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर रहा है, जिससे बाढ़ और मिट्टी का कटाव बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए, यमुना और गंगा नदी के किनारे अवैध खनन के कारण नदी तटों का क्षरण तेजी से हुआ है।
O संगठन की मांगें -“उफ्तत्सा” राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए निम्नलिखित मांग करता है:-
O सख्त निगरानी तंत्र: ट्रैक्टरों के उपयोग की निगरानी के लिए जीपीएस ट्रैकिंग और डिजिटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया जाए।
O टोल नाकों पर जांच: टोल प्लाजा पर ट्रैक्टरों की लोडिंग और उपयोग की नियमित जांच के लिए विशेष टीमें गठित की जाएं।
O कानूनी कार्रवाई: अवैध ढुलाई और खनन में शामिल व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की जाए।
O सब्सिडी में पारदर्शिता: कृषि सब्सिडी केवल वास्तविक किसानों तक पहुंचे, इसके लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) और आधार-लिंक्ड सत्यापन लागू किया जाए। सब्सिडी प्राप्त ट्रेक्टरों द्वारा व्यवसायिक परिवहन करते हुए पकड़े जाने पर ट्रेक्टर मालिकों पर भारी जुर्माना करते हुए सब्सिडी की राशि वापस लेकर उस राशि पर भी भारी जुर्माने का प्रावधान हो एंव उस ट्रेक्टर को स्क्रैप करने हेतु अनुसंशा किया जाये l
O जागरूकता अभियान: किसानों और ट्रांसपोर्टरों को सब्सिडी और सुविधाओं के सही उपयोग के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएं।
OO आगामी कदम -संगठन ने इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान और आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है।जिसमें देशभर के ट्रक ट्रांसपोर्टर और छोटे वाहन मालिक हिस्सा लेकर अपने अपने तालुका, प्रमंडल, जिले, कमीस्नरी व राज्य में इसे प्रसारित व प्रचारित कर इस पर रोक लगाने का कार्य करेंगे l

राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजकुमार यादव ने कहा, “कृषि ट्रैक्टरों का दुरुपयोग न केवल सरकारी संसाधनों का अपव्यय है, बल्कि यह छोटे ट्रांसपोर्टरों की आजीविका पर भी सीधा सीधा हमला है। हम इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई मजबूती से जारी रखेंगे व इसे खत्म करेंगे”
संपर्क करें:
डॉ. राजकुमार यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष
ईमेल:RASHTRIYAsanyuktamorcha@gmail.com
हेल्पलाइन: +91-9437040250
“उफ्तत्सा” राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा – ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी, परिवहन क्षेत्र में पारदर्शिता, निष्पक्षता, और समानता के लिए प्रतिबद्ध है। हम सरकार और प्रशासन से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा करते हैं।
जारीकर्ता:
” उफ्तत्सा “राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा – ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी
रायपुर,छतीसगढ़
