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सरकार से है दरकार कि संचालन करने दी जाय अनुमति, देश का पहला नक्षत्रशाला तकनीक
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के संचालन की जिम्मेदारी लेने के लिए स्वदेशी तकनीक से लोगों को नक्षत्रों की दुनिया दिखा रही एक निजी संस्था आगे आई है। व्राटिनो टेक्नालाजी नाम की इस संस्था ने कमिश्नर से मिलकर संचालन का प्रस्ताव दिया है। संस्था के मुख्य तकनीकी अधिकारी सचिंद्र नाथ ने कमिश्नर को नक्षत्रशाला के सुचारू संचालन को लेकर आश्वस्त भी किया है। यह भी कहा है कि संस्था को अपने खर्च पर मशीन लगाकर नक्षत्रशाला संचालित करने की जिम्मेदारी दी जाय।

सचिंद्र ने बताया कि उनकी कंपनी पहली ऐसी भारतीय कंपनी है, जिसने स्वदेशी तकनीक से तारामंडल मशीन विकसित की है और उसे कोहिमा, नागालैंड के इनोवेशन हब एंड साइंस में सेंटर स्थापित भी किया है। इसके अलावा गुरुग्राम के गुरु गोबिंद सिंह विश्वविद्यालय को भी यह मशीन उपलब्ध कराई है।
सचींद्र का दावा है कि उन्होंने अपनी संस्था की मशीन का वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला गोरखपुर और नेहरू प्लेंटोरियम प्रयागराज में भी सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।

