LOKASAR DHAMTARI
उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में दायर एसएलपी सी क्रमांक 19668/ 2022 में माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा राज्य को सभी प्रकार के भर्ती , शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश,चयन प्रक्रिया, पदोन्नति पूर्व निर्धारित व्यवस्था अनुसार किए जाने की अंतरिम अनुमति प्रदान की गई है।
इस संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश दिनांक 1–5 –2023 का पैरा 4 में पदोन्नति किए जाने का स्पष्ट उल्लेख है।
सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम राहत के तारतम्य में छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर अटल नगर का पत्र क्रमांक एफ 13 – 8 /2022 /आ. प्र./ 1–3, नवा रायपुर, दिनांक 16/06/ 2023 के कंडिका क्रमांक 3 में उल्लेखित राज्य शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ बिलासपुर द्वारा पारित एकजाई निर्णय दिनांक 19.09. 2022 के विरुद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में एसएलपी दायर की गई है, जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा सुनवाई करते हुए दिनांक 01.05.2023 को अंतरिम आदेश पारित किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 1-5-2023 के पालन में नियुक्ति और उच्च शिक्षा, एमबीबीएस, बीडीएस में प्रवेश के लिए अजजा वर्ग को 32% और अनुसूचित जाति वर्ग को 12% आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। परंतु पदोन्नति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नही किया जा रहा है । अजजा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षित रिक्त और बैकलॉग रिक्त पदों पर अनारक्षित वर्ग को गैर कानूनी तरीके से पदोन्नति का लाभ दिया जा रहा है , जो आरक्षण अधिनियम 1994, नियम 1998 तथा संविधान की अनुच्छेद 16-4-ए , 16-4-बी और 335 के परंतुक का स्पष्ट उलंघन करते हुए अजजा और अनुसूचित जाति वर्ग के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं होने से इस वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों को भारी नुकसान होने से इस वर्ग में अत्यधिक जनाक्रोश है।
अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ द्वारा दंतेवाड़ा में संपन्न बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार पर विभिन्न जिलों में कलेक्टर के माध्यम से भूपेश बघेल मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ , मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को ज्ञापन सौपा गया है। ज्ञापन में तत्काल राज्य सरकार केबिनेट की बैठक आहूत कर समस्त विभाग प्रमुखों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए पदोन्नति में 32% अजजा वर्ग को 12% अजा वर्ग को नियमानुसार आरक्षण देने का आदेश तत्काल जारी करने का निवेदन किए हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष आर एन ध्रुव ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण हेतु लगातार आवेदन निवेदन करने के बावजूद भी कोई सकारात्मक पहल नहीं होने से मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।