(दंतेवाडा से हमारे संवाददाता उमा शंकर की रिपोर्ट)
/लोक असर समाचार दंतेवाड़ा/
जल संरक्षण ग्रामीण क्षेत्र की प्रमुख मांग रही है जिले में खेती बाड़ी और किसानी में नदियों के साथ-साथ तालाबों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके साथ ही भू-जल स्तर को यथावत बनाये रखने में तालाबों की महती भूमिका है। सिंचाई संबंधित जल व्यवस्था तथा भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 24 अप्रैल 2022 को अमृत सरोवर मिशन लाया गया था ताकि भविष्य में जल संकट की स्थिति निर्मित न हो और ग्रामीणों को पूरे वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
जनपद पंचायत कुआकोंडा अन्तर्गत ग्राम पंचायत पोटाली में भी स्थानीय ग्रामीणों को जल संग्रहण के महत्व से अवगत कराने, एवं खेती के साथ-साथ जल के दैनिक उपयोग हेतु अमृत सरोवर मिशन के तहत 1 हेक्टेयर भूमि में मनरेगा के तहत जलाशय का निर्माण करवाया गया। जिसमें जल भराव की क्षमता लगभग 10 हजार क्यूबिक मीटर है। ज्ञात हो कि ’’आजादी का अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
जिसमें ग्राम पंचायत पोटाली में भी निर्माण कार्य (18.90264 लाख) स्वीकृत किये गए। यद्यपि ग्राम पोटाली माओवाद की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है। और यहां के स्थानीय ग्रामीण तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाना चुनौती भरा कार्य है। फिर भी आवागमन एवं निर्माण सामग्री पहुंचाने में कई बाधाओं के बावजूद पोटाली में अमृत सरोवर मिशन के तहत तालाब निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। ’’अमृत सरोवर’’ मिशन के तहत तालाब निर्माण कार्य से ग्राम पोटाली में खेती किसानी हेतु सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो पाई है इसके अलावा तालाब निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्य से जलाशय का सौदर्यीकरण करवाया गया साथ ही इस निर्माण कार्य अकुशल श्रमिकों को रोजगार भी मिला।
यहां निर्मित जलाशयों में मत्स्य पालन को भी बढ़ावा मिला है जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में निश्चित तौर पर सुधार होगा, और तो और तालाब सौंदर्यीकरण से ग्रामीण भी खुश है और अब लबालब पानी देखकर उनका कहना है कि पहले तालाब का स्वरूप एक गंदले पानी का पौखर जैसा ही था लेकिन अब गांव वाले के साथ-साथ पशु पक्षियों के लिए भी स्वच्छ जल की पर्याप्त व्यवस्था हो गई है। साथ ही किसानों की भूमि भी अब सिंचित हो रही है।
ज्ञात हो कि विगत 15 अगस्त के अवसर पर ’’अमृत सरोवर’’ के तहत निर्मित जलाशयों के सामने ध्वजा रोहण भी किया गया था जिससे ग्रामीण इस तथ्य पर हर्षित थे कि वे अपने देश के ’’आजादी के अमृत महोत्सव’’ के भागीदार बन पाये है। निर्ष्कषतः ग्राम पंचायत पोटाली में अमृत सरोवर मिशन का क्रियान्वयन इसलिए भी मायने रखता है कि यहां ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाना चुनौती भरा कार्य है माओवादी प्रभावित क्षेत्र होने एवं आवागमन और निर्माण सामग्री पहुंचाने में कई बाधाओं के बावजूद तालाब निर्माण का कार्य किया गया। इस प्रकार क्षेत्र में जल संसाधन के विकास, जल संकट के निराकरण, के साथ-साथ जलाशयों के सौंदर्यीकरण कार्य में रोजगार सृजन एवं मत्स्य पालन जैसे आर्थिक गतिविधियों की संभावनाओं में वृद्धि करके ’’अमृत सरोवर मिशन’’ यहां सार्थक सिद्ध हुआ है।