मछली पालन में उत्सुक कृषक, सहकारी समितियां व संस्थाएं मत्स्य विभाग में आवेदन कर सकते हैं

(लोक असर समाचार बालोद)

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना अंतर्गत संचालित योजनाओं का वित्तीय वर्ष 2024-25 के स्वीकृत कार्यक्रम अंतर्गत जिले के ईच्छुक कृषक, सहकारी समितियों और संस्थाओं से योजनाओं एवं कार्यक्रमों के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है। 

सहायक संचालक मछली पालन विभाग ने बताया कि प्राप्त आवेदनों का चयन ’प्रथम आओ प्रथम पाओ’ पर आधारित होगा।

योजना के अंतर्गत नवीन संवर्धन पोखर का निर्माण (नर्सरी एवं मत्स्य बीज पालन तालाब), नवीन तालाब निमार्ण, ताजे पानी एक्वाकल्चर के लिए इनपुट जिसमें कम्पोजिट फिश कल्चर, स्कम्पी, पंगेशियस, तिलापिया आदि, बैकयार्ड सजावटी मछली पालन इकाई की स्थापना, मध्यम स्केल सजावटी मछली पालन इकाई की स्थापना, एकीकृत सजावटी मछली इकाई (ताजा पानी की मछली के लिए प्रजनन एवं पालन), रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम एवं बायोफ्लॉक की, स्थापना (बृहद रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम) रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम एवं बायोफ्लॉक की स्थापना (लघु रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम), बॉयोफ्लॉक पॉन्ड का निर्माण इनपुट्स सहित जलाशयों में केज कल्चर की स्थापना, कोल्ड स्टोरेज, आईस प्लांट की स्थापना (10 टन क्षमता), कोल्ड स्टोरेज,आईस प्लांट की स्थापना (20 टन क्षमता), कोल्ड स्टोरेज, आईस प्लांट की स्थापना (50 टन क्षमता), मिनी फीश फीड मील (02 टन प्रति दिन की उत्पादन क्षमता), मध्यम फीश फीड मील (08 टन प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता) मील, वृहद फीश (20 टन प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता), (20 टन प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता), पारंपरिक मछुआरों के लिए नाव (प्रतिस्थापन) और जाल उपलब्ध कराना शामिल है।

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