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क्रांतिवीर कंगला मांझी को नमन करने बड़ी संख्या में बघमार पहुँचे विभिन्न राज्यों से अनुयायी
मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था की स्थापना कर राष्ट्र निर्माण व आदिवासियों के उत्थान के कार्य में स्वयं को किया समर्पित।
श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था एवं अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति के संस्थापक एवं जनक क्रांतिवीर कंगला मांझी के पुण्यतिथि पर जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम बघमार में आयोजित क्रांतिवीर कंगला मांझी स्मृति दिवस एवं सम्मान समारोह के अवसर पर उनके अनुयायियों का विशाल जन सैलाब उमड़ पड़ा है।
इस अवसर पर उनके समाधि स्थल ग्राम बघमार में आज 05 दिसम्बर से 08 दिसम्बर तक आयोजित क्रांतिवीर कंगला मांझी स्मृति दिवस एवं सम्मान समारोह में क्रांतिवीर कंगला मांझी को नमन करने छत्तीसगढ़ राज्य के साथ-साथ महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश राज्यों से हजारों की संख्या में उनके अनुयायी ग्राम बघमार पहुँचे हैं।
03 दिवसीय आयोजन के माध्यम से ग्राम बघमार में क्रांतिवीर कंगला मांझी के अनुयायियों का हुजुम उमड़ पड़ा है। इस दौरान श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था के विशाल संख्या में सैनिकों के अलावा अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति के सदस्यों के अलावा उनके अनुयायीगण क्रांतिवीर कंगला मांझी के समाधि स्थल में पहुँचकर अपने आराध्य को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि क्रांतिवीर कंगला मांझी का स्वतंत्रता संग्राम के योगदान में प्रमुख योगदान रहा है। उनका जन्म कांकेर जिले के ग्राम तेलावट में हुआ था। वे 1913 में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ चुके थे इसके पश्चात् 1914 में महात्मा गांधी से मुलाकात करने के पश्चात् उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निभाई। क्रांतिवीर कंगला मांझी सामान्य परिवार से ताल्लुकात रखते थे लेकिन उनका दृष्टिकोण बहुत ही व्यापक था।
उनके द्वारा श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था एवं अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति की स्थापना के पश्चात् लगातार आदिवासी समाज के लोग उनके संगठन में जुड़कर उनके सदस्य बनते गए।
इसके पश्चात् 1951 में श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था के सैनिकों को बिल्ला एवं सैनिक की वर्दी प्रदान करने की परंपरा शुरू की गई। शासन की ओर से इनके संस्था को लाल ध्वज भी प्रदान किया गया।
लाल ध्वज समतावादी समाज के लिए चिंतित कमला मांझी के चिंतन का प्रतीक था। इस तरह से क्रांतिवीर कंगला मांझी ने श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था एवं अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति की स्थापना कर स्वयं को राष्ट्र निर्माण, समाज कल्याण एवं आदिवासियों के उत्थान के पूनीत कार्य के लिए अपने आप को आजीवन समर्पित किया गया था।
क्रांतिवीर कंगला मांझी संपूर्ण विकास को सर्वोपरि मानते थे और राष्ट्रहित के कार्य करने के लिए वे सदैव तत्पर रहे। राष्ट्र सेवा एवं आदिवासी उत्थान के लिए आजीवन कार्य करते हुए क्रांतिवीर कंगला मांझी 05 दिसंबर 1984 को ग्राम बघमार में अपने प्राण त्यागे थे।
तब से लेकर आज पर्यंत तक हजारों की संख्या में उनके अनुयायी उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके कर्म स्थलीय ग्राम बघमार में पहुँचते हैं। इन 03 दिवसीय आयोजन के अंतर्गत आयोजन के पहले दिन 05 दिसंबर को कार्यक्रम में आमंत्रित आंगादेव एवं अन्य देवी-देवताओं के पूजा-अर्चना के पश्चात् कार्यक्रम में बैगा, पूजारियों एवं अनुयायियों के द्वारा क्रांतिवीर कंगला मांझी का विधिवत् पूजा-अर्चना कर उन्हें नमन किया जाता है। इसके पश्चात् द्वितीय दिवस 06 दिसंबर को शौर्य दिवस का आयोजन किया जाता है।
इस दौरान समाज सेवा एवं राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कर्मठ सैनिकों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के सम्मान के अलावा इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाज सेवकों को छत्तीसगढ़ के पुरोधाओं एवं विभूतियों के सम्मान में ’क्रांतिवीर कंगला मांझी अगास दिया सम्मान’, मिनीमाता सम्मान, संत कवि पवन दीवान सम्मान, शहीद दुर्वासा लाल निषाद सम्मान से सम्मानित किया जाता है।
कार्यक्रम स्थल में 04 दिसंबर को ही बस्तर एवं महाराष्ट्र राज्य सहित विभिन्न हिस्सों से आंगादेव एवं अन्य देवी-देवताओं का आगमन हो जाता है। इस दौरान ग्राम बघमार में विशाल मेला का भी आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित उनके अनुयायियों के द्वारा अपने इष्ट देवी देवताओं के अलावा अपने आराध्य क्रांतिवीर कंगला मांझी के आदिवासी परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना के पश्चात् 03 दिवसीय आयोजन का विधिवत् शुभारंभ किया गया।
इस दौरान क्रांतिवीर कंगला मांझी की धर्मपत्नी एवं श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था एवं अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति के अध्यक्ष राजमाता श्रीमती फूलोदेवी कांगे एवं उनके सुपुत्र श्री कुंभदेव कांगे सहित उनके परिजन उपस्थित थे।
समारोह में विशाल संख्या में उपस्थित श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था के सैनिकों द्वारा निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए क्रांतिवीर कंगला मांझी एवं राजमाता श्रीमती फूलोदेवी कांगे को सलामी दी।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष इस आयोजन में मंत्री, सांसद, विधायक आदि वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों, समाज सेवकों तथा समाज सेवा से जुड़े नामचीन विभूतियों का आगमन होता है। इस संगठन से जुड़े लोगों की विशेष बात यह है कि इस संगठन के सभी कार्यकर्ता बिना किसी वेतन एवं मानदेय के क्रांतिवीर कंगला मांझी के प्रति अटूट आस्था और विश्वास के कारण इस संगठन में जुड़कर समाज सेवा के पूनीत दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था के स्थापना एवं उद्देश्यों की जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष राजमाता श्रीमती फूलोदेवी कांगे ने बताया कि देश के स्वाधीनता के पूर्व देश व राज्य में आदिवासियों पर हो रहे अन्याय व अत्याचार से व्यथित होकर क्रांतिवीर कंगला मांझी ने इस संगठन का निर्माण किया था। इसके माध्यम से उन्होंने देश के स्वाधीनता में योगदान देने के अलावा स्वाधिनता के पश्चात् आदिवासी समाज के लोगों एवं वंचित वर्ग के लोगों को मुख्य धारा में जोड़कर उनका उत्थान सुनिश्चित करना है।
राजमाता कांगे ने आदिवासी उत्थान के लिए शिक्षा को अत्यंत आवश्यक बताया। इस अवसर पर श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था के सचिव श्री आरएस उइके ने भी अपने संगठन के उद्देश्य एवं कार्यों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे संगठन में जुड़े सभी सदस्य बिना किसी मानदेय एवं वेतन के निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं।
इसी तरह श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था के सैनिक विजय सलाम ने बताया कि हमारे इस संगठन में क्रांतिवीर कंगला मांझी के प्रति आस्था एवं विश्वास रखने वाले गोंड़ एवं आदिवासी समाज के लोगों के अलावा यादव, कोष्टा, सोनझरिया, केंवट, कुम्हार, मरार जैसे सभी छत्तीसगढ़िया समाज के लोग जुड़कर समाज सेवा के पूनीत दायित्वों का निःस्वार्थ रूप से निर्वहन कर रहे हैं।
इस तरह से क्रांतिवीर कंगला मांझी द्वारा स्थापित श्री मांझी अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था एवं अखिल भारतीय माता दंतेवाड़ी समाज समिति के सभी सदस्य अपने आराध्य क्रांतिवीर कंगला मांझी के प्रति अटूट आस्था और विश्वास के साथ-साथ राष्ट्र सेवा एवं समाज कल्याण के कार्य में अपने को अर्पित कर रहे हैं।