(प्रोफेसर के० मुरारी दास कि रिपोर्ट)
LOK ASAR RAIPUR
पेंशन ना तो कोई उपहार है, न हीं छात्रवृत्ति की इच्छा पर प्रतिबंधात्मक आवास वाली कृपा और न हीं कोई अनुग्रह राशि है. बल्कि यह अपने कर्मचारियों को पूर्व में दी गई सेवाओं के बदले दिया जा रहा भुगतान है.यह प्रत्येक वर्ष 17 दिसंबर की तिथि भारत के समस्त पेंशनधारियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस है जिसके सम्मान मेंप्रति वर्ष यह आयोजन किया जाता है .
1982 में इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत अधिकारियों और पेंशन धारकों को सम्मान और शालीनता की गारंटी देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था जिस कारण से यह दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है इसी कड़ी में गत दिवस छत्तीसगढ़ पेंशनर्स समाज की ओर से राजधानी रायपुर के वृंदावन सभागृह में इसका आयोजन किया गया था जिसका आयोजन छत्तीसगढ़ पेंशनर समाज की राज्य इकाई ने रायपुर में किया था.
जिसके मुख्य अतिथि थे प्रदेश के अवकाश प्राप्त आई एफ एस राजेश पांडे तथा सभा की अध्यक्षता राज्य पेंशनर समाज के अध्यक्ष चेतन भारतीय ने किया. विशिष्ट अतिथि रूप में गालव कुमार साहू, रेनू लाल देव, विश्वास शुभंकर, कृष्ण कुमार तिवारी व जफर अहमद उपस्थित थे.
इस अवसर पर पेंशनर संघ में कृष्णा रावटे डौंडी लोहारा, जनक राम साहू बेमेतरा, के आर सिन्हा नगरी, गोकुल साहू गरियाबंद तथा लक्ष्मी प्रसाद वर्मा बागबाहरा को उनके उत्कृष्ट पेंशनर कार्य के लिए तथा प्रांतीय स्तर पर दुर्ग के वीरेंद्र साहू, व श्रेष्ठ पेंशनर इकाई सम्मान गुरुर के नेम सिंह साहू, संबलपुर लोहारा के सियाराम सार्वा तथा अर्जुंदा इकाई के लोचन यादव को दिया गया .
इस अवसर पर अपने उम्र के 100 साल पूरा करने वाले बरौंदा महासमुंद के अवध राम साहू को भी पेंशनर समाज की ओर से विशिष्ट सम्मान देकर सम्मानित किया गया .
कार्यक्रम में हेल्पज इंडिया के राज्य संयोजक विश्वास शुभंकर ने वर्तमान में वरिष्ठ जनों के साथ हो रहे डिजिटल फ्रॉड और उनसे बचाव के बारे में जानकारी दी. इस कार्यक्रम में राज्य के सभी संभाग और जिलों के ढाई सौ से अधिक अनेक अवकाश प्राप्त अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे.
कार्यक्रम का संचालन श्याम बिहारी अग्रवाल व स्वागत भाषण हृदय राम साहू ने दिया एवं आभार प्रदर्शन प्रांतीय संगठन छत्तीसगढ़ पेंशनर समाज ने किया .