छत्तीसगढ़ के भूले बिसरे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी किताब का विमोचन

लोक असर समाचार बालोद

ग्राम पेंड्री कलंगपुर में छत्तीसगढ़ के गृह ,लोक निर्माण ,जेल एवं धार्मिक न्यास मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य में ,संसदीय सचिव एवं विधायक कुंवर सिंह निषाद के अध्यक्षता में, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देश लहरा ,जनपद अध्यक्ष सुचित्रा साहू तथा बलदूराम साहू अध्यक्ष दंतेश्वरी शक्कर कारखाना के विशेष आतिथ्य में छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रकाशित बालोद जिले के साहित्यकारों द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ के भूले बिसरे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी किताब का विमोचन किया गया। आयोग के तत्कालीन सचिव एवं शिक्षाविद बलदाऊराम साहू के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी लिखने का कार्य प्रारंभ किया गया परंतु कुछ जिलों में ही यह कार्य संपन्न हुआ। बालोद के 51, बलौदा बाजार के 22, जांजगीर चांपा के 27 और कांकेर के 7 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी इस किताब में संग्रहित है। इस किताब के सहसंपादक सीताराम साहू श्याम, वरिष्ठ साहित्यकार ने बताया कि बालोद जिले के सुदूर वन्य ग्रामों में भी सुराजी वीर हुए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। निपानी में 8 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, नारागांव में चार, डौंडीलोहारा में पांच, पिनकापार में पिता-पुत्र दो, डौंडी में चार तथा अन्य कई गांव में सेनानियों ने अंग्रेजों के विरुद्ध जमकर मोर्चा संभाला। पिरीद के दाऊ ढाल सिंह दिल्ली वार,भरदा के हीरालाल सोनबोइर, भरदा कला के उमेंद्र सिंह कलिहारी, मोखा के इंद्रमन साहू, भाटा गांव आर के मेहतरू राम साहू गोरकापार के केजूरामचंद्राकर, डोंटोपार के साहस राम, पिनकापार के पिता पुत्र राम प्रसाद देशमुख, लक्ष्मण प्रसाद देशमुख, लोहारा के जनाब वली मोहम्मद, बाघमार के कंगला मांझी, सरेखा के गांधी राम साहू , गुंडरदेही के गेंदमल देशलहरा, डौंडीके डेरहाराम पांडे, लाटाबोड के हिंच्छा राम साहू के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इस तरह बालोद जिले के कोने कोने से 51 सुराजी वीरों ने स्वाधीनता आंदोलन में भाग लेकर जेल की यातनायें सही। कुछ लोगों को गांधी जी का सानिध्य प्राप्त हुआ ।उनके परिजनों के पास शासन द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र आज भी मौजूद है ।इस किताब में इन बलिदानियोंके संघर्ष की कहानी है। विमोचन करते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने हमारे बलिदानी पुरखों के पुण्य स्मरण के लिए बालोद के लेखक मंडल को अपनी शुभकामनाएं एवं बधाई दी और इसी प्रकार सभी जिलों में प्रयास किए जाने की आवश्यकता बताई।संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि अपने आसपास के इन भूले बिसरे भारत माता के रत्नों को जानने का यह पुण्य प्रयास अत्यंत वंदनीय है ।लेखक मंडल के सदस्यों में टी आर महमल्ला ,सीताराम साहू श्याम, स्वर्गीय चंद्रकुमार चंद्राकर ,जगदीश देशमुख ,सेवकराम नेले, राजेंद्र सोनबोइर, अरुण साहू , रमेश यादव, केशव राम साहू, माखनलाल साहू, अशोक आकाश, बंसी लाल साहू, पुसन कुमार साहू, के मुरारी दास, चम्पेश्वर राजपूत ने अपनी कलम से उनकी शौर्य गाथा लिखी है ।विमोचन समारोह में इन सेनानियों के परिजन संजय साहू, क्रांति भूषण, सुभाष साहू, पेंड्री के सरपंच खिलेंद्र साहू विसाहूराम चंद्राकर, भीखाराम साहू सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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