पहली बार बालोद की इतिहास में मुख्य शहर में पुलिस ने की बेरिकेडिंग, अनहोनी से घबराया था प्रशासन, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद, जेल भरो आंदोलन में जुटे हजारों लोग,

लोक असर समाचार बालोद

तुएगोंदी पथराव मामले सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय में सर्व आदिवासी समाज ने जेल भरो आंदोलन किया। एक दिवसीय कार्यक्रम में हजारों की संख्या में सर्व आदिवासी और छत्तीसगढ़िया समाज एवं
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के लोग शामिल हुए। दोपहर के तकरीबन दो बजे गोंडवाना भवन से रैली निकाली गई। जो दल्ली चौक से जय स्तंभ चौक की ओर बढ़ी वहाँ पूरी तरह से बेरीकेड्स लगा हुआ था। जिसके कारण रैली आगे नहीं बढ़ पाई। बावजूद आंदोलनकारियों ने आक्रोश जताया और इस दौरान पुलिस से झूमा झटकी भी हुई।

केंद्र सरकार नूपुर शर्मा को संरक्षण दे रही है, उसी प्रकार राज्य सरकार बालकदास को- अरविंद नेताम

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने 17 जून को जेल भरो आंदोलन का आगाज किया था और अपने आह्वान पर अडिग होकर अपराह्न 02 बजे गोंडवाना भवन से हजारों की संख्या में रैली के रूप में शासन प्रशासन एवं बाबा बालकदास के विरोध में नारेबाजी के साथ पहले दल्ली चौक पहुंचे जहां पर समाज के संरक्षक अरविन्द नेताम ने सभा को सम्बोधित करते हुए बालकदास को संरक्षण देने का शासन प्रशासन पर आरोप लगाया। उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि हमारी संस्कृति, सामाजिक जीवन शैली, रीती रिवाज को अव्यवस्थित करने बालक दास द्वारा गुंडे बुलवाकर पिटवाया गया। हमारे ही घर में हमी को मारेंगे और हम चुप रहे यह सम्भव नहीं है। आदिवासी समाज ने इसे गंभीरता से महसूस किया है लेकिन शासन प्रशासन का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। यही वजह है कि इस घटना का मास्टर माइंड बालक दास बाहर घूम रहा है। उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है, न ही उन पर एफआईआर दर्ज की गई है। यदि शासन प्रशासन नहीं चेते तो हम आगे तक आंदोलन लेकर जायेंगे। जिस तरीके से प्रशासन ने समझौता की है हम सहमत नहीं हैं। जिस प्रकार से हमारे धर्म संस्कृति, हमारी परंपरा का अपमान हुआ है इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शासन प्रशासन इस बात को समझ जाय। जिस प्रकार से हमारे धार्मिक पहचान को खत्म करने का प्रयास हो रहा है। यही कारण है कि आदिवासी समुदाय अलग धर्म कोड की मांग करता है। बालक दास जैसे लोग हमारे जल, जंगल, जमीन में कब्जा कर हमें ही धमकाते रहे बर्दाश्त नही होगा। पिछली सरकार ने इस बालक दास को पाला पोसा है। इतना होने के बाद भी रमन सिंह इन मुद्दों पर चुप है। मैं पूछना चाहता हूं। बीजेपी के एक भी नेता के मुंह से कुछ निकलता क्यों नहीं। वहीं कांग्रेस सरकार भी बालक दास को मौन समर्थन दे रहा है। जिस तरह से केंद्र सरकार नूपुर शर्मा को संरक्षण दे रही है, उसी प्रकार राज्य सरकार बालकदास को। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना अध्यक्ष अमित बघेल जो धारा लगाई गई है कहीं न कहीं पूर्वग्रह से ग्रसित है। हसदेव आंदोलन में गए हुए अमित को फोर्स के साथ गिरफ्तार किया गया। जो व्यक्ति बालोद के कार्यक्रम में था, उसके नाम से गुंडरदेही में दो-दो एफआईआर दर्ज कर लिया गया। अमित बघेल की नि:शर्त रिहाई हो।

तुएगोदी मामले की सही जांच हो और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की जाय- सोहन पोटाई

सोहन पोटाई ने सरकार के ऊपर बाबा बालक दास को संरक्षक देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की रीति – नीति को बालक दास और उनके अनुयायी बदलना चाहते हैं। छत्तीसगढ़िया सेवा अर्जी और छत्तीसगढ़िया देवी-देवता को जो बदलना चाहते हैं, उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। आदिवासियों के किसी मामले को नहीं सुना जा रहा है। तुएगोंदी मामले पर भी जांच सही नहीं हुई। श्री पोटाई ने आगे और संवैधानिक लड़ाई की बात कही।

आदिवासियों का मामला आते ही पीछे हट जाते हैं शासन प्रशासन और नेता- जनकलाल ठाकुर

डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और आदिवासी नेता जनक लाल ठाकुर ने कहा कि सिलगेर में आदिवासियों को गोली से मार दिया गया। हसदेव में हजारों पेड़ों को काट दिया गया। तुएगोंदी में हमला हुआ पक्ष-विपक्ष कभी सामने नहीं आया। गुंडरदेही में बंद के दौरान झड़प क्या हो गया। बड़े-बड़े शुभचिंतक कार्यवाही की मांग करने लगे। ये वही लोग हैं जो आदिवासियों का मामला आते ही पीछे हट जाते हैं। कार्यक्रम स्थल से श्री ठाकुर ने कहा कि समय रहते मांगों को नहीं सुना गया तो चुनाव के दौरान ‘ जवाब दिया जाएगा।

 छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज द्वारा शुक्रवार को तुएगोंदी घटना मामले में बाबा बालकनाथ की गिरफ्तारी, हसदेव अरण्य में विरोध के बाद भी कट रहे जंगल एवं सिलगेर मामले में दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर जिला मुख्यालय में जेल भरो आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया गया। शहर के गोंडवाना भवन से शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए जय स्तम्भ तक की संख्या में प्रदर्शनकारी रैली के स्वरूप में पैदल निकले और मांगो को पूरा करने जमकर नारेबाजी की गई । जिसमें शासन प्रशासन के खिलाफ बालक दास मुर्दाबाद, बालकदास चोर है के नारे लगाते हुए लोग सरदार वल्लभ भाई पटेल मैदान पहुंचे। जहां सर्व आदिवासी समाज, सर्व छत्तीसगढ़िया समाज के साथ छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के सदस्यों ने भी अपनी गिरफ्तारी दी। पुलिस प्रशासन के अनुसार कुल 621 लोगों ने गिरफ्तारी दी है। पुलिस के सामने एक-एक कर लोग नाम लिखवाकर गिरफ्तारी देते नजर आए। जेल भरो आंदोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक व्यवस्था की गई थी।

पुलिस प्रशासन ने एक दिन पहले ही लोगों को आगाह कर शान्ति की अपील की थी

जेल भरो आंदोलन के मद्देनजर पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किये गए थे। हजारों की संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। शहर के मुख्य चौक चौराहों पर बैरिकेटिंग की गई थी। कई रूट को डायवर्ट किया गया था। वही आपको बता दे कि आंदोलन के एक दिन पहले गुरुवार देर शाम एसपी जितेंद्र यादव के नेतृत्व ने शहर की सड़को पर फ़्लैग मार्च निकाला था और शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की थी। बता दें कि 25 मई की घटना से पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया था और यही कारण है कि चप्पे चप्पे पर फ़ोर्स लगाई गई थी। बताया जाता है इस प्रकार शहर को बेरिकेड्स एक तरह से ऐतिहासिक है। अब से पहले ऐसा कभी नहीं किया गया था।

आंदोलन में सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे, सरजू टेकाम, यूआर गंगराले, रत्ती राम कोसमा, टंडन लाल काँवरे, प्रेम लाल कुंजाम, रेवाराम रावटे, शशिभूषण चंद्राकर, देवेंद्र साहू, झम्मन हिरवानी, हेमंत कांडे, टेकराम साहू, गंगा राम दर्रो, आत्मा कौडो, गणेश राम ओटी, दिलीप मंडावी, ललित कांवरे, चंद्रलेखा पायला, मंजू प्रभाकर सहित अनेकों नेता उपस्थित रहे।

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