सरकारी खजाने भरने का ठेका ट्रक मालिकों की नहीं, डीज़ल के दाम 60₹ प्रति लीटर किये जाएँ – डॉ राजकुमार यादव

ट्रक मालिक गुमराह न हों,डिज़ल भी जीएसटी के दायरे मेँ हो, परिवहन उद्योग पर एकल जीएसटी 5% हो – उफ्तत्सा

(लोक असर समाचार नई दिल्ली )

उफ्तत्सा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी), जो देशभर के ट्रक चालकों, मालिकों और परिवहन व्यवसाईयों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रमुख संगठन है, ने बढ़ती डीजल कीमतों और परिवहन उद्योग की ज्वलंत समस्याओं के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। अंतर्राष्ट्रीय क्रूड ऑयल की कीमतों में हालिया गिरावट के बावजूद भारत में डीजल की खुदरा कीमतों में वृद्धि ने ट्रक परिवहन क्षेत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, जिससे माल ढुलाई लागत और उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में अनावश्यक वृद्धि हो रही है।उफ्तत्सा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने अपनी प्रभावशाली भूमिका निभाते हुए उफ्तत्सा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी) के बैनर तले ट्रक चालकों,ट्रक मालिकों और छोटे-मध्यम परिवहन व्यवसायियों के हितों की रक्षा के लिए समर्पित संगठन के रूप मेँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह मोर्चा परिवहन उद्योग में नीतिगत सुधारों, चालकों के कल्याण और आर्थिक स्थिरता के लिए काम अभूतपूर्व कार्य निष्पादन किया है। यह संगठन ट्रक चालकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने, उनके कामकाजी हालात सुधारने और परिवहन क्षेत्र को और अधिक संगठित और टिकाऊ बनाने की दिशा में प्रभावशाली रूप से सक्रिय है। मोर्चा विभिन्न राज्यों के ट्रक यूनियनों को एक मंच पर लाता है, ताकि उनकी समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जा सके।
उफ्तत्सा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने सरकार और नीति निर्माताओं से निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
डीजल कीमतों में पारदर्शिता और कमी की जाये,अंतर्राष्ट्रीय क्रूड ऑयल की कीमतों में हालिया कमी (2025 में औसतन 69.19 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) के बावजूद, भारत में डीजल कीमतें 92 रुपये प्रति लीटर से अधिक बनी हुई हैं। उफ्तत्सा मांग करता है कि सरकार डीजल पर उत्पाद शुल्क और अन्य करों में कमी करे, ताकि क्रूड ऑयल कीमतों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं और परिवहन क्षेत्र तक पहुंचे व आम जनता को महंगाई से सीधे तौर पर छुटकारा मिल सके l
माल ढुलाई दरों में संशोधन के रूप मेँ बढ़ती ईंधन लागत के कारण ट्रक ऑपरेटरों की आय प्रभावित हो रही है, जबकि माल ढुलाई दरें अपरिवर्तित ही नहीं अपितु लगातार ढ़लान पर हैं। उफ्तत्सा मांग करता है कि माल ढुलाई दरों को ईंधन कीमतों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि ट्रक चालकों और ऑपरेटरों को उचित मुनाफा मिल सके। ईंधन को भी अतिशीघ्र जीएसटी के अन्तर्गत लाने हेतु हर सम्भव प्रयास करते हुए इसके दायरे मेँ लाया जाये,परिवहन व्यवसाय के अन्तर्गत कार्यरत चालक, ट्रक मालिक व ट्रांसपोर्टर्स के साथ दोहरी नीति व नियम बंद हो l
डॉ राजकुमार यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष-“उफ्तत्सा” राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा(ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी) ने कहा
“ईंधन व उनके टैक्स से कमाए जा रहे राजस्व को ट्रक चालकों, ट्रक मालिकों व परिवहन व्यवसाईयों के हितों के लिए प्रयोग में ले जाएं व इन्हें विभिन्न स्कीमों व सब्सिडी के तहत कम से कम 40% इनमे ही वितरित किए जाने की व्यवस्था हो, जिससे इनकी स्थिति व जीवनशैली मेँ अभूतपूर्व सुधार आ सकेगा, इनके गाढ़े परिश्रम व खून पशिने कमाई के पैसे को इस तरह अनावश्यक तरीके से खर्च करने का खेल अब और न खेला जाए l भारत देश के नागरिक के रूप में एक बड़ा समुदाय परिवहन व्यवसाय से जुड़े होने के कारण तिरस्कृत,बहिष्कृत व अपमानित व खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है इसके मान, सम्मान, स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ न करते हुए इनके परिश्रम व इनके खून के आंसू से सनी कमाई एंव देश के प्रति समर्पण की भावना, ईमानदारी व एकाग्रता के साथ देश के लिए समर्पित कार्य निष्पादन की भावना को ठेस ना पहुंचा जाए l
लॉजिस्टिक्स लागत में कमी के अनुरूप भारत में लॉजिस्टिक्स लागत GDP का 13-14% है, जो वैश्विक औसत से अधिक है। उफ्तत्सा मांग करता है कि सरकार इंटरमोडल परिवहन और डिजिटल लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दे, ताकि परिवहन लागत कम हो और दक्षता सम्पूर्णतः बढ़े।
परिवहन नीतियों में एकरूपता न होकर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कर और नियम परिवहन उद्योग को जटिल व सरकारी व्यवस्था को हास्यास्पद बनाते हैं। उफ्तत्सा एक समान राष्ट्रीय परिवहन नीति की मांग करता है, जो अंतर-राज्यीय परिवहन को सुगम व समरसता पूर्ण बनाए।
उफ्तत्सा का बयान -“बढ़ती डीजल कीमतें न केवल ट्रक चालकों, ट्रक मालिकों और परिवहन व्यवसायियों की आजीविका को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि यह आम उपभोक्ताओं पर भी महंगाई का बोझ प्रत्यक्ष रूप से डाल रही हैं जिससे दिन प्रतिदिन आम व मध्यमवर्गीय जनजीवन कष्टकर व असहनीय हो चला है l सरकार को तत्काल कदम उठाकर डीजल कीमतों को नियंत्रित करना चाहिए और परिवहन क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक नीतिगत सुधार लागू करने चाहिए। हमारा संगठन ट्रक चालकों और श्रमिकों के हितों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध है,” उफ्तत्सा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा l
मोर्चा ने सरकार से तत्काल संवाद शुरू करने और इन मांगों पर विचार करने की अपील की है। साथ ही, देशभर के ट्रक चालकों, ट्रक मालिकों और संलग्न परिवहन व्यवसाईयों से एकजुट होकर इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है। उफ्तत्सा ने यह भी घोषणा की है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो अनिश्चित्कालीन शांतिपूर्ण प्रदर्शन और अन्य जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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