वित्तीय मामलों में भेदभाव बंद की जाए, एनसीएलटी के तर्ज पर गाड़ी मालिकों के ऋण भी माफ किए जाएं –
(लोक असर समाचार नई दिल्ली)
राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजकुमार यादव ने आज निजी वित्तीय संस्थाओं द्वारा ट्रक मालिकों और संचालकों के साथ की जा रही गुंडागर्दी और न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। देशभर में ट्रक मालिकों,चालकों व ट्रांसपोर्टरों की यूनियन के आवाज के रूप में काम करने वाला हमारा मोर्चा इस मुद्दे पर तथ्यात्मक आधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहना चाहता है कि ऋण वसूली के नाम पर अवैध तरीके अपनाए जा रहे हैं, जो ट्रक मालिक और ट्रांसपोर्ट उद्योग को बर्बाद कर रहे हैं।
ट्रक संचालक, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं, अक्सर निजी बैंक और एनबीएफसी के घातक हथियारों से लैस बीच सड़क पर रिकवरी एजेंट्स द्वारा धमकी, मारपीट, प्रताड़ना और जबरन वाहन जब्ती का शिकार हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट्स के फैसलों के बावजूद, ये संस्थाएं आरबीआई की गाइडलाइंस और कानूनी प्रक्रिया की अवहेलना लगातार कर रही हैं। उदाहरणतः सुप्रीम कोर्ट के 2007 के फैसले में एक निजी बैंक के मामले में रिकवरी एजेंट्स की गुंडागर्दी पर रोक लगाई गई थी, जहां कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि परिवार को धमकाना या बल प्रयोग अवैध है।
पटना हाई कोर्ट के 2023 के फैसले में बिना कोर्ट ऑर्डर के वाहन जब्ती पर 50,000 रुपये का जुर्माना और एफआईआर का प्रावधान किया गया.
हालिया मामलों में, जैसे कि हरियाणा के कैथल व अन्य मामलों में में ट्रक मालिकों व ट्रांसपोर्टर्स पर हो रहे अत्याचार, जहां एजेंट्स द्वारा अवैध वसूली की शिकायतें बढ़ रही हैं।इसी तरह, राजस्थान के हनुमानगढ़ में ट्रक संचालकों की बैठक में विभिन्न मांगों पर चर्चा हुई, जहां रिकवरी एजेंट्स के गुंडागर्दी एक प्रमुख मुद्दा के रूप में छाया रहा.
डॉ. राजकुमार यादव ने कहा, “हम लोग संपूर्ण राष्ट्र में हमारी जुझारू, ईमानदार व लगनशील टीम के साथ ट्रक संचालकों के मान-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं।निजी फाइनेंसरों की यह गुंडागर्दी ट्रक ऑनरों के भविष्य को प्रभावित कर अंधकार में धकेल रही है, जैसा कि हमारी प्रांतीय बैठकों में सामने आया है। उड़ीसा के राउरकेला, क्योझर, सुंदरगढ़, जोड़ा,तालचेर, अंगुल, झारसुगुड़ा मेँ लौह अयस्क व कोयले की ढूलाई करने वाले ट्रक ऑनर्स की भुगतान लंबित रहने के कारण एक आध किश्ती टूट जाने पर भी बिना नियम के ही हथियारों के बल पर रिकवरी एजेंट्स के द्वारा गाड़ियां जबरन जब्त कर ली जाती है व बिना किसी दिशा निर्देश के पालन करते हुए गाड़ियों की नीलामी आम बात है l सरकार और आरबीआई को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए, अन्यथा हम देशव्यापी आंदोलन करेंगे।”
राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा की मांग है कि “दोषी वित्तीय संस्थाओं और उनके एजेंट्स पर तत्काल एफआईआर दर्ज हों और सख्त कार्रवाई के आदेश निर्गत किए जाएं l ट्रक मालिकों के लिए सीधे आरबीआई द्वारा विशेष हेल्पलाइन और कानूनी सहायता केंद्र की स्थापना हो l आरबीआई गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट और निगरानी तंत्र को मजबूती प्रदान की जाए.
किसी भी सूरत में प्राकृतिक आपदा या हड़ताल वाले महीने की किस्त को आगे बढ़ाने के प्रावधान को लागू किया जाए l एनसीएलटी के तर्ज पर गाड़ी मालिकों के ऊपर बकाए किस्त व कर्ज को 10% से 20% वसूली कर ऋण समाप्त करते हुए गाड़ियों का हस्तांतरण सुनिश्चित हो”. “गाड़ी मालिकों के ऊपर निजी वित्तीय कंपनियां/ बैंकों, एनबीएफसी एवं बैंकों के द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ अंतिम पंक्ति पर खड़े गाड़ी मालिकों व ट्रांसपोर्टर के साथ संघर्ष के लिए ” उफ्तत्सा – “राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी) जिम्मेदारी पूर्ण डटे रहकर अपनी भूमिका का नि :स्वार्थपूर्वक निर्वहन करेगी.
