सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार सभी दुकानें (ऑन शॉप /ऑफ़ शॉप ) – जशकेतन बरिहा (एक्साइज सुप्रीटेंडेंट)
(लोक असर समाचार राउरकेला) -
शहर के विभिन्न भागों में “शराब की दुकानों व बार एंड रेस्टोरेंट” को लेकर कई बार शिकायतें लिखी जा चुकी हैं. पेटीशन दिए जा चुके हैं, कि मंदिर के ठीक सामने (बिसरा चौक), कॉलेज, विद्यालय, अस्पताल से सटे शराब की दुकानों का होना जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है. आज भी जिलापाल कार्यालय में शराब के ठेके को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया, किंतु यह प्रक्रिया वॉलीबॉल की तरह है. विभिन्न सरकारी कार्यालय एक दूसरे के नाम पर विभागीय प्रक्रिया के नाम पर एक दूसरे पर बॉल फेंकते नजर आए. वही एक्साइज सुपरिंटेंडेंट से संपर्क करने पर उन्होंने कहा की “सरकार की अपनी नीतियां हैं लॉटरी में दुकान निकालने के पश्चात हमें लाइसेंस देना होता है. बाकी प्रक्रिया विभिन्न विभागों के अन्तर्गत आती है व मेरी जानकारी के अनुसार सभी दुकाने नियमों के तहत आवंटित किए गए हैं, यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह सीधे जिलापाल अधिकारी से शिकायत करें व तदोपरान्त उस पर उचित कार्रवाई जिलापाल के कार्य क्षेत्र में है, जिलापाल ही कार्रवाई हेतु अनुशंसा कर सकते है. वही जानकारों के अनुसार किसी भी बार में महिलाओं का कार्य करना या महिलाओं के द्वारा शराब परोसना प्रतिबंधित है व दर्जनों लाइसेंसों का जब नवीनीकरण व स्क्रुटनाइजेशन हुआ तो इन सब बातों का ख्याल क्यों नहीं रखा गया. शराब से जुड़े किसी भी दुकान या संस्थान का प्रचार करना प्रतिबंधित है. तो फिर सोशल मीडिया के माध्यम से इनका प्रचार कैसे किया जा रहा है और यह विभागीय दृष्टि से ओझल कैसे हैं?
