(लोक असर समाचार रायपुर)
आदिम जाति कल्याण विभाग में अपर संचालक के पद पर पदोन्नति हेतु पूर्व डी.पी.सी. जो जुलाई 2021 में आयोजित हुई थी, को पुनरीक्षण करने हेतु दिनांक 05/05/2025 को डी.पी.सी. आयोजित की गई थी । इस पुनरीक्षण डी.पी.सी. में एक अधिकारी को पदावनत कर भूपेंद्र राजपूत की पदोन्नति हेतु नाम अनुमोदित किया गया है। भूपेन्द्र राजपूत (उपायुक्त) पदोन्नति हेतु वर्तमान में निम्नानुसार कारणों से पात्रता नहीं रखते हैं:-(अ) भूपेन्द्र राजपूत (तत्कालीन सहायक आयुक्त, रायगढ़) के विरूद्ध जिला रायगढ़ में आकस्मिकता चतुर्थ वर्ग कर्मचारी भर्ती में अनियमितता एवं शासकीय राशि के दुरूपयोग के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर तत्कालीन आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी के निर्देश पर ए. आर. नवरंग, अपर संचालक द्वारा प्रकरण की जाँच कराई गई। (जाँच प्रतिवेदन संलग्न है, पृष्ठ 2 से 30), जाँच प्रतिवेदन की एक प्रति शासन आदिम जाति कल्याण विभाग को दिनांक 12/06/2023 को भी भेजी गई है। इस प्रकार शिकायत की जाँच प्रतिवेदन में भूपेन्द्र राजपूत पर आरोपों की जानकारी शासन में होना प्रमाणित होता है। (ब) उपरोक्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर भूपेन्द्र राजपूत के ऊपर कार्यवाही करने हेतु प्रधानमंत्री , भारत सरकार, नई दिल्ली को पत्र लिखा गया है। (संलग्न है, पृष्ठ क्रमांक 1), इसके साथ ही भारत सरकार में शिकायतों के निपटारा हेतु ऑनलाईन पोर्टल सी. पी. ग्राम पर शिकायत दर्ज कराया गया। ऑनलाईन पोर्टल पर शिकायत के संबंध में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास रायगढ़ के पत्र क्रमांक 1195, दिनांक 24/04/2025 को अपलोड किया गया है। (संलग्न है, पृष्ठ क्रमांक 33,34), इस पत्र से ज्ञात होता है कि भूपेन्द्र राजपूत को आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के पत्र क्रमांक /स्था. 04/जाँच/ 240/2023/4278 दिनांक 25/07/2023 (पत्र संलग्न, पृष्ठ क्रमांक 35,36) के विभागीय नियम निर्देशों के विहित प्रक्रिया का उल्लंघन एवं वित्तीय अनियमितता की जाने के फलस्वरूप कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह उल्लेखनीय है कि अब तक दो वर्ष बीत जाने के बाद भी श्री राजपूत द्वारा कारण बताओ सूचना का जवाब नहीं दिया गया है और न ही विभाग द्वारा इस गंभीर प्रकरण में कोई रूचि ली गई। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती में कण्डिका 06, कण्डिका 07, एवं कण्डिका 08 में प्रशासकीय वित्तीय अनियमितता रूपय 5.71 करोड़ प्रतिवेदित किया गया है।(स) इसी प्रकार उपरोक्त जाँच प्रतिवेदन की गंभीर बिंदुओं के आधार पर कार्यवाही करने हेतु सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, वित्त विभाग तथा प्रमुख सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को श्री राजपूत के विरूद्ध शिकायत तथा इसके जाँच प्रतिवेदन के संबंध में पूरी जानकारी है, फिर भी डी.पी.सी. में इस महत्वपूर्ण विषय को नहीं रखा गया है, जबकि पदोन्नति के समय तक अद्यतन स्थिति डी.पी.सी. के समक्ष रखा जाना अनिवार्य होता है।(द) इसी प्रकार जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दिनांक 19/03/2025 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से इस गंभीर अनियमितता को उजागर करते हुए अधिकारी के विरूद्ध एफआईआर कराने की मांग की गई। इसके पश्चात् भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तथा विधानसभा को गलत जानकारी दी गई।
उपरोक्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर स्पष्ट है कि विभाग द्वारा श्री राजपूत के संबंध में इस गंभीर प्रकरण में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और न ही इस संबंध में लोक सेवा आयोग में डी.पी.सी. के समक्ष वास्तविक जानकारी दी गई।
अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष आर एन ध्रुव द्वारा विष्णु देव साय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन से मुख्यमंत्री निवास रायपुर में भेंट कर निवेदन है कि दिनांक 05/05/2025 को आयोजित पुनरीक्षण डी.पी.सी. की कार्यवाही को निरस्त करते हुए पात्र आदिवासी समाज के अधिकारी को न्याय दिलाए जाए।
