डीजल को भी जीएसटी के अंतर्गत लाने की जरूरत – डॉ राजकुमार यादव

जीएसटी को सरल व सुगम बनाने का उफ्तत्सा का स्वागत, गाड़ी मालिकों को नाम मात्र राहत

  (लोक असर समाचार राउरकेला) 

उफ्तत्सा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (ट्रक ट्रांसपोर्टर सारथी) ने जीएसटी सुधारों और कर दरों के पुनर्गठन को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी बताते हुए कहा है कि यह कदम छोटे गाड़ी मालिकों, उपभोक्ताओं और देश की अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित होगा। उफ्तत्सा का मानना है कि इन सुधारों से कर संरचना सरल होगी, गाड़ियों के उपभोग में वृद्धि होगी और व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
उपसह के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजकुमार यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि 400 से अधिक वस्तुओं पर कर दरों में कटौती आम आदमी को रोजमर्रा के खर्च में बड़ी राहत देगी। उन्होंने इसे देशवासियों के लिए “प्रधानमंत्री मोदी का दिवाली उपहार होता यदि डीजल को भी जीएसटी के दायरे में ले आते”
श्री यादव ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी सुधारों से आगामी त्योहारी सीजन में घरेलू खपत में 7–8% की बढ़ोतरी होगी। इससे खुदरा व्यापार, परिवहन उद्योग सेवा और छोटे गाड़ी मालिकों के सेवा व भाड़े के पश्चात बचत में आंसिक बचत भी होगी l बीमा सेवाओं को जीएसटी से मुक्त करने का निर्णय मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत है, जिससे बीमा प्रीमियम और किफायती होंगे।
कम दरों के चलते गाड़ी मालिक की खरीद क्षमता बढ़ेगी, उद्योगों को सेवा वृद्धि का लाभ मिलेगा l कर दरों का सरलीकरण अनुपालन को आसान और सस्ता बनाएगा, वहीं दो प्रमुख दरों के चलते कर संग्रहण और पारदर्शिता को ठेस लगेगी l
विशेषज्ञों के अनुसार, इन सुधारों से आगामी वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी में 0.5% से 0.7% तक की अतिरिक्त वृद्धि संभव है। उफ्तत्सा का मानना है कि यह सुधार केवल टैक्स में बदलाव नहीं, बल्कि भारत के व्यापार और आर्थिक विकास का स्वर्णिम अध्याय हैं, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगे। सिंगला व छोटे गाड़ी मालिकों के लिए यह कहीं ना कहीं वरदान है कि इसमें टायर,स्पेयर पार्ट्स, बैटरी आदि के दाम आंशिक रूप से घटेंगे लेकिन बचत की संभावना से अभी भी कोई खास फर्क नहीं दिखेगा l इसका बस आशिक लाभ मिल सकेगा डीजल को जीएसटी में लाने का मतलब है देश को एक नई दशा और दिशा मिल सकेगी ऐसा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा का मानना है l

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