(लोक असर समाचार राउरकेला)
” उफ्तत्सा ” राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी) की ओर से हम नेपाल में वर्तमान आपदा की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। नेपाल में सितंबर 2025 में जारी सिविल अनरेस्ट, जिसमें छात्रों द्वारा सरकारी भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, ने पूरे देश में अशांति पैदा कर दी है। इस अशांति में अब तक 30 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, और सेना की तैनाती की गई है। इसके अलावा, भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने स्थिति को और जटिल बना दिया है, जिसमें 9 सितंबर 2025 तक पिछले 24 घंटों में 15 आपदाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें भूस्खलन, भारी वर्षा, बिजली गिरना और आग शामिल हैं। इन घटनाओं ने नेपाल में परिवहन और व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है, विशेष रूप से भारत-नेपाल सीमा वर्ती क्षेत्रों पर।
इस संकट के बीच, हजारों भारतीय ट्रक नेपाल में फंसे हुए हैं, जो माल ढुलाई के लिए वहां गए थे। ये ट्रक मुख्य रूप से निर्माण सामग्री, खाद्य पदार्थ, लौह और अन्य आवश्यक वस्तुओं को ले जा रहे थे, लेकिन अशांति और प्राकृतिक आपदाओं के कारण वे सुरक्षित रूप से वापस नहीं लौट पा रहे हैं। नेपाल में सितंबर 2024 के समान भारी वर्षा घटना ने लगभग 2.6 मिलियन लोगों को प्रभावित किया था, जिसमें 270 से अधिक मौतें हुईं और 370 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ। वर्तमान स्थिति में भी इसी प्रकार की चुनौतियां हैं, जहां जुलाई 2025 तक तीन महीनों में नेपाल में 93 मौतें और 22 लापता मामले दर्ज किए गए हैं, मुख्य रूप से बाढ़ से।इनमें से कई घटनाएं भारत-नेपाल सीमा क्षेत्रों जैसे रसुवागढ़ी में हुई हैं, जहां 8 जुलाई 2025 को एक विनाशकारी बाढ़ ने सीमा पारगमन को प्रभावित किया।
उफ्तत्सा राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ट्रक ट्रांसपोर्ट सारथी की ओर से हम भारत सरकार से निम्नलिखित मांगें तथ्यात्मक आधार पर रखते हैं:
ट्रकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी: नेपाल में खड़े सभी भारतीय ट्रकों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार द्वारा ली जाए। वर्तमान अशांति में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसा ने 16 मौतें कर दी हैं, जिससे ट्रक चालकों और वाहनों को खतरा है। सरकार द्वारा राजनयिक स्तर पर नेपाल सरकार से समन्वय कर इनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
ट्रकों की वापसी की व्यवस्था: फंसे हुए सभी भारतीय ट्रकों को तत्काल वापस लाने की व्यवस्था की जाए। सीमा पर विशेष एस्कॉर्ट और सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किए जाएं, ताकि चालक और वाहन सुरक्षित भारत लौट सकें।
लोड गाड़ियों का सुरक्षित अनलोडिंग: लोडेड ट्रकों में मौजूद माल को सुरक्षित रूप से अनलोड कराने की व्यवस्था की जाए, ताकि नुकसान से बचा जा सके और व्यापारिक हानि कम हो। नेपाल में फंसे माल की कीमत करोड़ों में है, और आपदा के कारण अनलोडिंग में देरी हो रही है।
फंसी गाड़ियों की वापसी: नेपाल के अंदर फंसी सभी भारतीय गाड़ियों को तुरंत वापस मंगाया जाए विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उड़ीसा, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों की अधिकांश गाड़ियां फंसी हैं । प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और भूस्खलन ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे ट्रक चालक फंसे हुए हैं। भारत सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर या वैकल्पिक मार्गों से सहायता प्रदान की जाए।
विशेष राहत पैकेज की घोषणा: नेपाल आपदा में फंसे सभी गाड़ी मालिकों और चालकों के लिए आपदा राहत के तहत विशेष राहत पैकेज की घोषणा की जाए। इसमें आर्थिक सहायता,बीमा कवरेज,ई एम आई डिडक्शन और नुकसान की भरपाई शामिल हो। जुलाई 2025 तक की आपदाओं में बाढ़ से 137 घटनाएं दर्ज हुईं, जिससे ट्रांसपोर्ट उद्योग को भारी नुकसान हुआ है।
ये मांगें ट्रक ट्रांसपोर्ट उद्योग की वास्तविक चुनौतियों पर आधारित हैं, जो भारत-नेपाल व्यापार पर निर्भर है। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की जाए,ताकि चालकों की जान बचाई जा सके और आर्थिक नुकसान रोका जा सके। यदि आवश्यक हो तो सरकारी प्रोटोकॉल के तहत हम घटनास्थल पर जाने को भी तैयार हैं अन्यथा मांगे अनसुनी होने पर मुद्दे आधारित धरना विभिन्न राज्यों मे या अन्य शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
