लोकअसर समाचार बालोद
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम. के. राऊत ने 16 जुलाई 2022 को जिला पंचायत कांकेर के सभाकक्ष में सूचना का अधिकार विषय पर आयोजित जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी की एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम आम जनता की भलाई के लिए बनाया गया है। पारदर्शी प्रशासन के तहत कार्यालय की अधिक से अधिक जानकारी कम्प्यूटर पर अपलोड करें, जिससे आमजनता आसानी से प्राप्त कर सके। दस्तावेज शुल्क स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए आवेदक को माँग पत्र भेजें और समय सीमा में जानकारी उपलब्ध कराने का दायित्व जनसूचना अधिकारी का है।
जन सूचना अधिकारी को अधिनियम के नियमों व उनकी बारीकियों को समझने के लिये कार्यशाला का आयोजन किया गया है- एम. के. राऊत
आयुक्त एम. के. राऊत ने आगे कहा कि जन सूचना अधिकारी अधिनियम के नियमों और उनकी बारीकियों को समझ सके, इसलिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। मुख्य सूचना आयुक्त एम. के. राऊत ने उम्मीद जतायी कि यह कार्यशाला जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारियों के लिए उपयोगी साबित होगा। एक दिवसीय कार्यशाला में कलेक्टर डाक्टर प्रियंका शुक्ला, पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा, वनमंडाधिकारी आलोक बाजपेयी उपस्थित थे।
नागरिकों को शासकीय योजनाओं, कार्यक्रमों और कार्यों के बारे में जानकारी हासिल करने का अधिकार है -ए. के. अग्रवाल
राज्य सूचना आयुक्त ए. के. अग्रवाल ने कहा कि नागरिकों को शासकीय योजनाओं, कार्यक्रमों और कार्यों के बारे में जानकारी हासिल करने का अधिकार है। इसलिए शासकीय कार्यों और कार्यक्रमों को विभागीय वेबसाईट में प्रदर्शित किया जाए ताकि आम नागरिक को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन लगाने की जरूरत ही ना पड़े। प्रथम अपीलीय अधिकारी जो आदेश करते हैं, उनका पालन करने का दायित्व भी प्रथम अपीलीय अधिकारी का है।
समय सीमा में जानकारी देना जनसूचना अधिकारी का दायित्व – मनोज त्रिवेदी
राज्य सूचना आयोग के आयुक्त मनोज त्रिवेदी ने कार्यशाला में स्पष्ट किया कि सूचना आयोग को जनसूचना अधिकारी पर न केवल जुमार्ना लगाने का अधिकार है, बल्कि आवेदक को क्षतिपूर्ति राशि देने के लिए आदेश पारित करने का भी अधिकार है। यह क्षति पूर्ति राशि लोक प्राधिकारी द्वारा जनसूचना अधिकारी से वसूल कर आवेदक को दिए जाने का प्रावधान अधिनियम में है, इसलिए जनसूचना अधिकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आवेदक को सूचना उपलब्ध कराएं।
प्रशासन को पूर्ण पारदर्शी बनाना सूचना का अधिकार का उद्देश्य है राज्य सूचना आयुक्त- धनवेंद्र जायसवाल
आयुक्त धनवेन्द्र जायसवाल ने कहा कि प्रशासन को पूर्ण पारदर्शी बनाना सूचना का अधिकार का उद्देश्य है। प्रथम अपीलीय अधिकारी नियत समय पर अपना निर्णय दें और आदेश का क्रियान्वयन करायें। आवेदक को दस्तावेज के लिए शुल्क की मांग स्पष्ट रूप से उल्लेखित करते हुए भेजें, जिससे आवेदक से राशि जमा होने पर जानकारी प्रदाय की जा सके। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के सचिव का स्थानांतरण होता है तो अगले सचिव को जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पूर्ण प्रभार दिलवायें।
सूचना का अधिकार अधिनियम सरकार के कार्यों को पारदर्शी बनाना है- धनंजय राठौर
छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के संयुक्त संचालक धनंजय राठौर ने कहा कि हर नागरिक को जानने का मौलिक अधिकार है। सूचना का अधिकार अधिनियम सरकार के कार्यों को पारदर्शी बनाना है। इसमें पहली कड़ी जनसूचना अधिकारी हैं। इसलिए जनसूचना अधिकारी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों को स्वयं पढ़ें, इससे गलती की संभावना कम होगी। इसमें जानकारी देने की समय-सीमा और शुल्क पर विशेष ध्यान रखें। आवेदक को समय-सीमा के भीतर जानकारी दें अन्यथा निर्धारित समय-सीमा 30 दिन के बाद आवेदक को निःशुल्क जानकारी देनी होगी। जनसूचना अधिकारी को पूर्वाग्रह से भी बचना चाहिए। श्री राठौर ने कहा कि आवेदक को जानकारी देते समयजनसूचना अधिकारी का नाम, पदनाम का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए, साथ ही आवेदक को प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम और पदनाम की भी जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी आपके कार्यालय से संबंधित नहीं है, तो उसे संबंधित कार्यालय को 5 दिवस के भीतर अंतरित किया जाए। सशुल्क जानकारी देने की स्थिति पर शुल्क की गणना भी आवेदक को दी जाए। श्री राठौर ने जनसूचना अधिकारियों से कहा कि जब आवेदक सूचना का अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत करता है तो आवेदन पत्र को ध्यान से पढ़ें, आवेदन पत्र में एक से अधिक विषय की जानकारी चाही गई है, तो केवल एक विषय की जानकारी आवेदक को दी जा सकती है। इसी तरह सशुल्क जानकारी देने की स्थिति पर शुल्क की गणना भी आवेदक को दी जाए और आवेदक द्वारा शुल्क जमा करने के पश्चात् ही वांछित जानकारी की फोटो कॉपी कराई जाए। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन को पारदर्शी बनाने के लिए ही सूचना का अधिकार अधिनियम बनाया गया है।
हमारे जनसूचना अधिकारियों का ज्ञानवर्धन हुआ है- डॉ. प्रियंका शुक्ला
कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने सूचना का अधिकार अधिनियम के जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला को बहुत उपयोगी बताते हुए कहा कि प्रशिक्षण में जो भी जानकारी दी गई है एवं शंका समाधान किया गया है, उससे हमारे जन सूचना अधिकारियों का ज्ञानवर्धन हुआ है। उन्होंने आगामी तीन महीने में पुनः इस प्रकार का कार्यशाला आयोजित कराने का अनुरोध किया तथा सभी जन सूचना अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण के समय उपलब्ध कराये पुस्तक को अवश्य पढ़ें। एक दिवसीय कार्यशाला में अपर कलेक्टर एसपी वैद्य, जिलापंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल, सयुंक्त कलेक्टर गौरीशंकर नाग सहित जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।