दिव्यांगजनों का 15 दिवसीय समर कैंप कचांदूर स्थित आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में समाज कल्याण विभाग के उप संचालक के आतिथ्य में सम्पन्न

LOK ASAR BALOD/ GUNDERDEHI

दिव्यांगों के लिए चलाया गया आवासीय समर कैंप 12 जून को सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उपस्थित समाज कल्याण विभाग जिला बालोद के उप संचालक अजय कुमार गेडाम ने समर कैंप के सफल क्रियान्वयन के लिए कैंप के मार्गदर्शक एवम् विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र के शिक्षक अरविंद शर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा किअरविंद शर्मा एवम् दरवेश आनंद इसके लिए बधाई के पात्र हैं, जिनके द्वारा चलाए जाने की योजना से मुझे अवगत करवाया और कैंप सफलतापूर्वक पूरा हुआ है।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को समाज कल्याण विभाग द्वारा मिलने वाली सभी सुविधाएं बिना किसी रूकावट के प्रदान की जाएगी। इस सत्र में भी यह केंद्र संचालित होगी। 16 जून से स्कूल प्रारंभ होना है। वहीं उन्होंने कहा कि दिव्यांग जनों को प्रतियोगी परीक्षा में राइटर गाइडलाइन एवं रीडर उपलब्ध कराने की बात भी उन्होंने कही है। साथ ही उन्होंने समस्त ग्राम वासियों का भी आभार जताया और कहा कि इस केंद्र को गांव के नागरिकों द्वारा विशेष स्नेह मिलता है जो कि दिव्यांग जनों के लिए काफ़ी मददगार साबित हुआ है। क्योंकि यह दिव्यांग बच्चे अकेले लिख पढ़ नहीं सकते, कहीं आ जा नही सकते हैं।

समर कैंप के दौरान दिव्यांग बच्चों को रोजमर्रा की गतिविधियों से लेकर कैरियर मोटिवेशन के लिए विभिन्न विशेषज्ञों ने यहां आकर इन बच्चों को बहुत सी जानकारियां प्रेषित किए हैं। इन विशेषज्ञों में पुष्पा मिश्रा, भास्कर साहू, जामिनी साहू, जागृति चौरसिया, एमके साहू, मनीष साहू (जज)एवं शिक्षक परमेश्वर साहू, विक्रम साहू , थानेश्वर साहू एवं संतोष चंद्राकर ने क्लास में आकर इन्हें कई सारी जानकारियां प्रदान किए हैं।

इस समर कैंप के दौरान बच्चों को प्रतिदिन लिखने पढ़ने की कौशल प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही रोजमर्रा की जिंदगी में आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का कैसा उपयोग कर सकते हैं से लेकर टेक्टाइल बुक की नवीनतम तकनीक की विस्तार पूर्वक जानकारी के साथ बच्चों को प्रैक्टिकल भी करवाया गया। जिस में लिखने पढ़ने की कौशल टेक्टाइल बुक गणित को आसानी के साथ कैसे हल किया जा सकता है। इसका सल्युशन तथा प्रिंटेड डॉक्यूमेंट को कैसे पढ़ना है , मोबाइल का कैसे बेहतर रूप से इस्तेमाल करना है। कंप्यूटर का किस तरीके से उपयोग करना है। ब्रेल रिप्रेशन, ब्रेल डिस्प्ले का उपयोग कैसा होता है। इन सभी चीजों के बारे में विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया गया।

इसके अलावा उन्हें चलने फिरने की कौशल में सफेद व स्मार्ट छड़ी से कैसे अकेला चला जा सकता है सिखाया गया। गूगल मैप व अलग-अलग एप्लीकेशन के माध्यम से बच्चों को आवागमन के दौरान सड़क पार कैसे करना है से लेकर अन्य दैनिक क्रियाकलापों से अवगत कराया गया। ताकि यह दिव्यांग बच्चे स्वयं की दम पर अपना काम कर सके।

यहां पर इन्हें खेलकूद में क्रिकेट, चैस व अन्य खेल का भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रतिदिन संगीत शिक्षा का भी क्लास लिया गया।

समापन अवसर में दिव्यांग बच्चों द्वारा संगीत में रंगारंग गायन की प्रस्तुति दी गई। समर कैंप के दौरान विशेष सहयोग प्रदान करने वाले थलेस साहू, डिहार सिंह देशमुख, छोटू सेन, राकेश निर्मलकर के अतिरिक्त गुंडरदेही के भी कई सामाजिक संगठनों का योगदान रहा है। समापन कार्यक्रम का संचालन अरविंद शर्मा ने किया एवम् आभार व्यक्त पूर्व सरपंच संतोष चंद्राकर ने किया।

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