कक्षा छठवीं में पढ़ने वाली महज 11 साल की छात्रा यूपीएससी टॉपर बनने की लक्ष्य लिए 10 बोर्ड परीक्षा देने की कर रही तैयारी…

लोक असर समाचार बालोद

यूं तो कहीं न कहीं प्रतिभावान और मेधावी विद्यार्थियों की कहानियां पढ़ने सुनने को मिलता है, लेकिन कोई वाकया अपने आसपास की हो तो दिलचस्पी तो बढ़ जाती है वहीं गर्व महसूस होता है। ऐसा ही वाकया बालोद जिले के ग्राम घुमका की है। कहानी यूं है कि कक्षा 6 वीं की छात्रा नरगिस एक रोज़ 10वीं कक्षा में पहुंच जाती है और देखती है कि इस सवाल को तो मैं भी हल कर सकती हूं और फिर क्या था नरगिस चल पड़ी अपने लक्ष्य को हासिल करने।

छात्रा के पिता फिरोज़खान ने बालोद शिक्षा विभाग के अलावा माध्यमिक शिक्षा मंडल को पत्र प्रेषित कर 10 वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी है। गांव में रहकर पढ़ाई कर रही नरगिस के जी वन से लेकर कक्षा पांचवी तक की परीक्षा परिणामों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर टॉपर रही है।


छात्रा नरगिस ने लोक असर के खास बातचीत में बताती है कि कैसे वह गांव में रह कर पढ़ाई करती है। ज्यादातर पढाई यू ट्यूब एवं सोशल मीडिया के माध्यम से करती है। जिले के एक छोटे से गांव घुमका की रहने वाली नरगिस शिक्षा की ज्योति से यूपीएससी टॉपर बनने की सपने को साकार करने दिलों जान से जुटी हुई है। जिसके लिए अपने घर से लगभग 10 किलोमीटर दूर का सफर तयकर जिला मुख्यालय बालोद में पढ़ाई करती है। उल्लेखनीय है कि नरगिस वर्तमान में स्वामी आत्मानन्द इंग्लिश मीडिया स्कूल में कक्षा 6 वीं छात्रा है…पिता किसान व माता गृहिणि है।

छात्रा की मम्मी नाजमीन

बिना किसी कोचिंग के यूट्यूब व सोशल मीडिया की माध्यम से ही पढ़ाईकर KGवन से कक्षा पांचवी तक के परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर A+, A++ परिणामों लेकर आई है। वही नरगिस किसी भी सवाल का जवाब हिंदी के साथ-साथ इंग्लिश में भी फराटे दार बेझिझक और बिना रुके देती है।

पिता ने लिखा प्रशासन और शिक्षा मण्डल को खत

बतला दें कि नरगिस मध्यम परिवार से ताअल्लुक रखती है। उनके पिता एक किसान और मां गृहणि है। नरगिस का एक छोटा भाई है। पिता अपने कृषि कार्य को सुबह-सुबह देखने के बाद बिटिया को स्कूल छोड़ने 10 मीटर दूर बालोद जिला मुख्यालय जाते है। नरगिस कभी-कभी सड़क खराब होने की वजह से स्कूल पहुंचने में देरी के लिए अफ़सोस जताती है। नरगिस के माता पिता अपनी बिटिया की पढ़ाई की ललक और परीक्षा परिणाम को देख गर्व महसूस करते हैं। तो वही बिटिया के साथ ही उनके माता-पिता की भी दिली इच्छा है कि उनकी बिटिया कक्षा छठी में पढ़ाई करते हुए दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे…नरगिस के पिता ने जिला शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन व माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर को दसवीं बोर्ड परीक्षा में बैठने अनुमति के लिए पत्र लिखा है।

नरगिस की पिता फिरोज़ ख़ान

ईक्यू टेस्ट कराना होगा

जिला शिक्षा अधिकारी बताते हैं कि छात्रा में काबिलियत है…लेकिन नियम के अनुसार छात्रा की आईक्यू टेस्ट कराना होगा, जिसमें यह पता चलता है छात्रा की आईक्यू 16 वर्षीय छात्रा की बराबर है या नहीं। छात्रा के पिता के द्वारा आवेदन मिलने के बाद हमने माध्यमिक शिक्षा मंडल को पत्र भेज उनके पिता को छात्रा की आइक्यू टेस्ट करवाने को कहा है।

पी.के. बघेल(जिला शिक्षा अधिकारी बालोद)

हर संभव मदद को तैयार हैं

कलेक्टर ने कहा ये हमारे जिले के लिए गर्व की बात है, मैं छात्रा की परीक्षा परिणामों को देखा हूं सभी क्लॉस व सबजेक्ट में A+, A++ मिला है…जिससे पता चलता है कि छात्रा में अच्छी काबिलियत है…आईक्यू टेस्ट के बाद ही बता चल पायेगा की छात्रा 10 वीं की इक्जाम में बैठ पाएगी या नहीं। भविष्य में शिक्षा के लिए किसी भी चीज की जरूरत पड़ती है तो प्रशासन द्वारा हर संभव मदद किया जाएगा। हम छात्रा की उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

जन्मेजय महोबे (कलेक्टर जिला बालोद)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *